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ताज नगरी में शुद्ध हवा एवं स्वस्थ पर्यावरण के लिए एकजुट हुए समाजसेवी, शिक्षाविद, चिकित्सक और विद्यार्थी

हवा न करती भेदभाव, कौन हो तुम, क्या है स्वभाव..

खराब हवा को साफ करने में हर व्यक्ति को निभानी होगी अपनी भूमिका..

स्वस्थ जीवन के लिए कचरा प्रबंधन, पौधारोपण, प्लास्टिक से मुक्ति और सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देना जरूरी: कुलपति प्रो. आशु रानी

आगरा। प्रदूषित हवा जीवन के लिए घातक बन गई है। इसके सुधार के लिए सिर्फ सरकारों से अपेक्षा करना उचित नहीं है। खराब हवा को साफ करने में हर व्यक्ति को अपनी भूमिका निभानी होगी। शुद्ध हवा और स्वस्थ पर्यावरण के लिए आम नागरिकों को जागरूक करने के साथ प्रदूषण की समस्या के सामूहिक निदान के लिए समाज के प्रमुख साझेदारों को आगे आना होगा।


इस उद्देश्य और भावना के साथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा सम्मानित सामाजिक ट्रस्ट लंग्स केयर फाउंडेशन द्वारा डॉ. बीआर अंबेडकर विवि. एवं सेठ पदम चंद जैन इंस्टीट्यूट के सहयोग से सोमवार को खंदारी स्थित सेठ पदम चंद जैन इंस्टीट्यूट के सभागार में “वायु प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियाँ एवं निदान” विषय पर जागरूकता सेमिनार और राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।

सौर ऊर्जा को करें प्रोत्साहित..
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी ने स्वस्थ पर्यावरण एवं स्वस्थ जीवन के लिए कचरा प्रबंधन और पौधारोपण के साथ प्लास्टिक मुक्त दुनिया को जरूरी बताया। साथ ही उन्होंने सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि बिजली के उत्पादन में सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जित होता है जो मानव जीवन के लिए घातक है। इसलिए हमें अधिक से अधिक सोलर चूल्हों, सोलर कुकर आदि को प्रमोट करना चाहिए।

क्यों नहीं जाग रहे हम?
लंग्स केयर फाउंडेशन के फाउंडर ट्रस्टी और इंटरनेशनल मैनेजमेंट कंसलटेंट-ट्रेनर राजीव खुराना ने कहा कि हम एक दिन में सांस लेते वक्त 25 हजार बार जहर ले रहे हैं। हम फिर भी क्यों नहीं जाग रहे।
उन्होंने कहा- “हवा न करती भेदभाव। कौन हो तुम क्या है स्वभाव। जहर भरो तो पाओ प्रहार। एक दिन में 25 हजार..”

जब एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा 2376
कार्यक्रम के सूत्रधार राजीव खुराना ने कुलपति प्रोफेसर आशु रानी के साथ एक कपूर की टिकिया को जलाकर उसके धुएं को मॉनिटरिंग मशीन से जांच कर दिखाया कि कैसे एक पल में उस एक कपूर की टिकिया के धुएं से उस सभागार का एयर क्वालिटी इंडेक्स 276 से 2376 तक पहुंच गया। इससे उन्होंने यह समझाने की कोशिश की कि वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआ हमारे लिए कितना घातक है।

बदलें अपनी जीवनशैली..
केंद्रीय सुरक्षा बल के भूतपूर्व महानिदेशक और लंग्स केयर फाउंडेशन के संरक्षक डॉ. एपी माहेश्वरी ने वीडियो मैसेज द्वारा प्रदूषण का स्रोत कम करने के साथ जीवन शैली में परिवर्तन लाकर पर्यावरण क्षति को रोकने के लिए एकजुट होने की अपील की।

यह भी रहे प्रमुख रूप से शामिल..
कार्यक्रम का संचालन अरुण श्रीवास्तव और डॉ. मिताली राजा ने किया। सेठ पदम चंद जैन इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. अतुल माथुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस दौरान प्रोफेसर बृजेश रावत, डीन लाइफ साइंस भूपेंद्र शर्मा, प्रो वाइस चांसलर अजय तनेजा, दाऊ दयाल संस्थान के निदेशक प्रोफेसर संतोष बिहारी, डॉ. स्वाति माथुर, एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉ. एसके मिश्रा और उनके साथी डॉक्टर्स की टीम, डॉ. मुनीश्वर गुप्ता, वत्स्ला प्रभाकर, आदर्श नंदन गुप्त, ऋषि शर्मा, पूजा सक्सेना और सेठ पदम चंद जैन इंस्टीट्यूट के शिक्षक व विद्यार्थी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

सिटी एक्शन ग्रुप का किया गठन..
जागरूकता सेमिनार में राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आगरा के समाजसेवियों, शिक्षाविदों, चिकित्सकों और विद्यार्थियों का एक सिटी एक्शन ग्रुप गठित कर धूल-धुएं से लड़ने के लिए सामूहिक कार्य योजना पर विचार किया गया।
एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉ. एसके मिश्रा ने उम्मीद जताई कि यह समूह आगरा में प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक प्रभावी भूमिका निभाएगा। साथ ही, इसके माध्यम से किशोरों और युवाओं को जागरूक किया जा सकेगा।