अन्य

जामिया के प्रोफेसर को साहित्य का प्रतिष्ठित जेसीबी पुरस्कार

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के उर्दू विभाग के प्रमुख समकालीन फिक्शन लेखक प्रो. खालिद जावेद के उर्दू उपन्यास नेमत खाना का अंग्रेजी अनुवाद द पैराडाइज ऑफ फूड को प्रतिष्ठित साहित्यिक ‘जेसीबी अवार्ड फॉर लिटरेचर 2022’ मिला। प्रो जावेद ने पुरस्कार की ट्रॉफी और 25 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्राप्त किया। इस उपन्यास का अंग्रेजी में अनुवाद प्रो. बारां फारूकी ने किया है। उन्हें भी 10 लाख रुपये की पुरस्कार राशि अलग से मिली।

विजेता की घोषणा लॉर्ड बैमफोर्ड, जेसीबी के अध्यक्ष, द्वारा वर्चुअल रूप से की गई, और प्रोफेसर जावेद को यह ट्रॉफी श्री सुनील खुराना, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, जेसीबी इंडिया और एएस पन्नीरसेल्वन, 2022 के जूरी अध्यक्ष द्वारा ओबेरॉय, नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में सौंपी गई। ।

प्रो जावेद ने कहा कि यह उनके लिए बहुत खुशी का पल है, “हर दिन हम अपने आसपास की दुनिया में छोटी-छोटी खुशियों की तलाश करते हैं और मैंने भी अपने जीवन में सच्ची खुशी के कुछ पल देखे हैं और आज यह पुरस्कार खुशी का एक ऐसा ही पल लेकर आया है।”

जामिया की वाइस चांसलर प्रो. नजमा अख्तर ने इसे यूनिवर्सिटी के लिए बेहद गर्व का पल बताया। उन्होंने प्रो जावेद को उनकी महान उपलब्धि के लिए बधाई दी और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं।

जेसीबी पुरस्कार, जोकि भारत की 22 भाषाओं में समकालीन कथा साहित्य से संबंधित है, उसे बुकर पुरस्कार के समकक्ष मान्यता प्राप्त है। बेशक यह जामिया ही नहीं बल्कि पूरे उर्दू जगत के लिए गर्व की बात है।

 रसोई के परिवेश से यह उपन्यास एक विशिष्ट मध्यवर्गीय मुस्लिम परिवार की कहानी है, जो भूख, हिंसा, प्रेम, अपराधबोध और स्वीकारोक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है।

खालिद जावेद के तीन उपन्यास ‘मौत की किताब’, ‘नेमत खाना’ और ‘एक खंजर पानी’ में बहुत लोकप्रिय हुए हैं और उनका चौथा उपन्यास ‘अरसलान और बेहजाद’ बहुत जल्द रिलीज होने वाला है। उनके उपन्यास मौत की किताब का अनुवाद डॉ ए नसीब खान द्वारा ‘बुक ऑफ़ डेथ’ के रूप में किया गया है।

उन्हें देश भर के प्रमुख साहित्यिक संस्थानों द्वारा कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।