ऑल इंडिया इंजीनियर्स फेडरेशन के बैनर के बैनर तले जंतर मंतर पर जुटे 1लाख बिजलीकर्मी
समाधान न होने पर 28 नवम्बर को मशाल जुलूस और 29 नवम्बर से अनिश्चिकालीन बहिष्कार की चेतावनी
संवाद/ दानिश उमरी
नई दिल्ली। ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये के विरोध में एवं न्यायोचित समस्याओं के समाधान के लिए बिजलीकर्मियों ने बुधवार को जंतर मंतर दिल्ली में आल इंडिया पॉवर इंजिनियर्स फडरेशन के अध्यक्ष शैलेंदर दुबे के नेतृत्व में पूरे भारत के सभी राज्यों से आये लगभग 1 लाख बिजली कर्मचारियों ने भाग लिया।
जिसमें संयुक्त संघर्ष समिति के आगरा के पदाधिकारी मुख्यतः रमाकांत वर्मा ओ.पी .गुप्ता ,सलमान मज़हर ,राकेश पाल ,बालेन्द्र मिश्रा ,भानु प्रताप एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। वर्क टू रूल’’ करते हुए सायं 5ः00 बजे पूरे प्रदेश में की विरोध सभाएं जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन देने का कार्यक्रम जारी
’सार्थक निराकरण ना होने पर 28 नवम्बर को मशाल जुलूस एवं 29 नवम्बर से होगा अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार
ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओं के समाधान हेतु सरकार व प्रबन्धन के ध्यानाकर्षण करने के लिए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले तमाम घटक श्रम संघों/सेवा संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से लोकतान्त्रिक एवं शान्तिपूर्ण तरीके से चलाये जा रहे आन्दोलन के क्रम में आज दूसरे दिन भी ’’वर्क टू रूल’’ करते हुए सायं 5ः00 बजे पूरे प्रदेश के बिजली अभियंताओं, जूनियर इंजीनियरों व बिजली कर्मचारियों द्वारा प्रदेशव्यापी विरोध सभाएं की गयीं।।
जिसमें बिजली कर्मियों ने जबरदस्त नारेबाजी कर प्रबन्धन के प्रति अपना आक्रोष व्यक्त किया। द.वि.वि.नि.लि मुख्यालय आगरा पर विरोध सभा का आयोजन किया गया।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों रामाकांत वर्मा, देवेन्द्र सिंह, हिमालय अकेला, शैलेन्द्र शर्मा, सलमान मजहर, ओ पी गुप्ता, विपिन शर्मा, अनिल पांडे, प्रदीप खत्री, अनूप उपाध्याय, संजय उपाध्याय, जितेंद्र पाल सिंह, विष्णु शर्मा, अभय चौबे, शशिकांत सिंह, भानु प्रताप, अतुल पांडे, युगल किशोर, राकेश पाल, वीतराग कोठारी, संजय सागर, विवेक सारस्वत आदि ने जारी बयान में बताया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये एवं नकारात्मक कार्यप्रणाली के कारण ऊर्जा निगमों को हो रही।
आर्थिक क्षति को रोकने एवं ऊर्जा निगमों में उत्पन्न किए गए नकारात्मक वातावरण को समाप्त कराने हेतु एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओ के समाधान के प्रति प्रबंधन द्वारा उपेक्षात्मक रवैया अपनाये जाने के कारण कुछ भी सार्थक कार्यवाही न होने से संघर्ष समिति ने सरकार व प्रबन्धन के ध्यानाकर्षण हेतु लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन किए जाने के निर्णय लिया है जिसके क्रम में आज दूसरे दिन भी ’’वर्क टू रूल’’ करते हुए सायं 5ः00 बजे पूरे प्रदेश में विरोध सभाएं की गयी जिसमे हजारों बिजली अभियंता, जूनियर इंजीनियर व बिजली कर्मचारी सम्मिलित हुए ।
उन्होंने आगे बताया कि ’’वर्क टू रूल’’ व विरोध सभाओं के साथ-साथ ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के हठवादी व नकारात्मक रवैये के कारण ऊर्जा निगमों की गिरती परफारमेंस, बिजली कर्मियों के गिरते मनोबल एवं स्वास्थ्य, कार्मिक के प्रभावित हो रहे हितों से जन प्रतिनिधियों को अवगत कराने हेतु ज्ञापन देने का कार्यक्रम भी प्रारम्भ किया गया है। संघर्ष समिति द्वारा प्रबन्धन को 27 अक्टूबर को दी गयी नोटिस पर संघर्ष समिति से ऊर्जा के शीर्ष प्रबन्धन द्वारा कोई भी वार्ता नहीं की गयी है जो बिजलीकर्मियो की समस्याओं के प्रति शीर्ष प्रबन्धन की उदासीनता दर्शाता है।
पदाधिकारियों ने आगे बताया कि आन्दोलन अवधि में विभिन्न जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन देने का कार्यक्रम जारी रहेगा एवं सार्थक हल न निकलने पर 28 नवम्बर 2022 सायं 05ः00 बजे समस्त जनपद/परियोजना मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकाला जायेगा और 29 नवंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारंभ होगा। ऊर्जा निगमों में बने टकराव के वातावरण के लिये ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन उत्तरदायी है। ऊर्जा प्रबंधन द्वारा मूलभूत समस्याओं पर ध्यान न देकर सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने में समय बर्बाद किया जा रहा है एवं समीक्षा के नाम पर अभियंताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।
शीर्ष प्रबंधन द्वारा अव्यवहारिक व बेतुके लक्ष्य निर्धारित करते हुए सिर्फ अभियंताओं व कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है जिसके कारण विजलीकर्मियों के पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है | सभी बिजली कर्मचारी एवं अभियंताओं अत्यंत ही तनावग्रस्त होने से उनकी कार्यक्षमता व सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है जिसके लिए ऊर्जा प्रबंधन सीधे तौर पर जिम्मेदार है।
पदाधिकारियों ने शीर्ष प्रबंधन और चेयरमैन पर ऊर्जा निगमों में टकराव का वातावरण पैदा करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री माननीय श्री अरविंद कुमार शर्मा जी से अपील की है कि वे तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की जिससे ऊर्जा निगमों में अनावश्यक टकराव टाला जा सके।