संवाद , नूरुल इस्लाम
गंजडुंडवारा। शहर के एम आर शेरवानी हाई स्कूल में आज संविधान दिवस मनाया गया। भारत सरकार ने 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। ऐसा इसलिए क्योंकि 26 नवंबर, 1949 को भारत के संविधान को अंगीकृत किया गया था। इसलिए इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया। इस दिन संविधान में दिए गए प्रावधानों, उसके बनने की प्रक्रिया के इतिहास और संविधान क्यों जरूरी है देश और नागरिकों के लिए इस पर चर्चा की जाती है। संविधान के प्रावधानों की जागरूकता बहुत आवश्यक है क्योंकि संविधान देश का सबसे बड़ा कानून होता है जिससे सरकार चलती है और नागरिकों को अधिकार मिलते हैं। यदि नागरिकों को अपने अधिकारों को सुरक्षित रखना हैं तो उन्हें संविधान के प्रावधानों की जानकारी आवश्यक है। जानकारी से ही हम अपने संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा कर सकते हैं।
संविधान दिवस पर संविधान निर्माताओं को भी याद किया गया। इस अवसर पर संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के बारे में भी चर्चा हुई। बाबासाहेब
डॉ भीमराव अंबेडकर की संविधान निर्माण में अहम भूमिका रही है।
इस अवसर पर अब्दुल हफीज गांधी ने कहा कि संविधान देश की आत्मा होती है और संविधान के माध्यम से ही देश का संचालन होता है इसलिए संविधान का हमारे जीवन में विशेष महत्व है।
कार्यक्रम में बोलते हुए स्वाले अंसारी ने कहा कि संविधान का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है। संविधान के मुताबिक चलने से ही देश मजबूत होगा।
इस अवसर पर विचार रखते हुए मुनेंद्र शाक्य ने कहा कि संविधान की जागरूकता बहुत आवश्यक है। संविधान दिवस मनाना इस दिशा में एक उचित कदम है।
भरत सिंह शाक्य ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि संविधान को चलाने वाले अच्छे लोग होंगे तभी हमें संविधान में दिए गए अधिकार प्राप्त हो सकते हैं।
अर्जुन बघेल ने कहा कि संविधान के हिसाब से देश का निजाम चलता है इसलिए इसकी जानकारी अति महत्वपूर्ण है।
अब्दुल मौईद अंसारी ने बोलते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम लगातार होते रहने चाहिए। कानून की जानकारी हमें मजबूत बनाती है।
डॉक्टर मोहम्मद मुस्तकीम ने इस मौके पर बोलते हुए कहा कि ज्ञान ही सबसे उत्तम जेवर है। मनुष्य को जहां से हो वहां से ज्ञान हासिल करना चाहिए।
संविधान दिवस के अवसर पर असलम अंसारी, मोहम्मद अफजल, धीरेंद्र शाक्य, संजीव साहू, जाहिद अली, इश्तियाक कुरेशी, आदि लोग मौजूद थे।