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डीएम दीपा रंजन जी से गुहार : धान खरीद में बंद करायें नमी के नाम पर भ्रष्टाचार


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। डीएम दीपा रंजन जरा देखें धान खरीद में मचा हुआ मनमानी शोषण का “अतिरंजन”। नियमों एवं “गाइड लाइन का बेखौफ उलंघन” हो रहा है। नमी के नाम पर “नरमी की जगह भ्रष्टाचार का तांडव” है। धान विक्रेता किसान “डीएम दीपा की औऱ करुणा भरी कृपा” के लिये निहार रहा है। आपको बता दें कि सरकार ने धान की नमी में 17 फीसदी तक की छूट दे रखी है, लेकिन केंद्र प्रभारी पांच फीसदी नमी होने पर धान की तौल करने से इन्कार कर रहे हैं। किसानों के मान मनौव्वल करने पर “दो किलो अतिरिक्त धान की मांग” की जाती है।

कहा जाता है कि इतना धान सूख जाएगा।नमी में सरकारी मानक के अनुसार 17 फीसदी की छूट नहीं दी जा रही है। 15 फीसदी नमी होने पर धान की तौल नहीं की जाती। इससे किसान परेशान हैं। दूसरी ओर पहली बार उपयोग में लाई जा रही पावर डस्टर मशीन इतनी छोटी है कि एक बार में बमुश्किल एक बोरा धान की ही सफाई हो पाती है। इसकी गति भी इतनी धीमी है कि 50 किलो साफ करने में 15 मिनट लगता है। इससे दिनभर में एक या दो ट्रॉली धान की खरीद ही हो पाती है।


नरैनी मंडी समिति में तीन धान क्रय केंद्र खुले हैं। गोदाम की क्षमता पांच हजार क्विंटल है। अब तक तीन हजार क्विंटल धान की खरीद की जा चुकी है। एक दो दिन में गोदाम फुल हो जाएगा। गेहूं उठान का अभी तक विभाग ने टेंडर तक नहीं किया।