संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। ज्यों – ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता ही गया। इसी का शिकार रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज और जिला महिला अस्पताल है। अल्ट्रासाउंड मशीनें झोले में कैद हैं। रेडियोलॉजिस्ट न होने से मशीनें बंद पड़ी हैं। हर माह तकरीबन एक हजार मरीजों को निजी पैथालॉजी में अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है। मंडलायुक्त की सहमति पर चित्रकूटधाम मंडल के अपर निदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण ने चित्रकूट जिले में तैनात दो रेडियोलॉजिस्ट में एक की तैनाती बांदा में किए जाने के संबंध में पत्र जारी किया, लेकिन चित्रकूट सीएमओ ने रिलीव नहीं किया।
रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में रोजाना 10-12 मरीज अल्ट्रासाउंड को आते हैं। इसी तरह जिला पुरुष अस्पताल में रोजाना लगभग 15 और महिला अस्पताल में लगभग 12 से 14 मरीज आते हैं। जिला पुरुष अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसएन मिश्र और जिला महिला चिकित्सालय की सीएमएस डॉ. सुनीता सिंह ने मंडलायुक्त व अपर निदेशक को पांच बार रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति के लिए पत्र भेजा। रेडियोलॉजिस्ट न होने से हो रही दिक्कतों से अवगत कराया, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। नतीजे में सारी कवायद बेमतलब साबित हो रही हैं।
तीस बेड के जिला महिला अस्पताल में यहां आठ पद स्वीकृत हैं। इनमें छह रिक्त हैं। करीब चार साल से रेडियोलॉजिस्ट न होने से कीमती अल्ट्रासाउंड मशीन स्टोर में कबाड़ की तरह रखी धूल फांक रही है। मजबूरन गर्भवतियों को प्राइवेट लैब में जाकर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है। इसके लिए उन्हें करीब 7 सौ रुपये खर्च करना पड़ रहे हैं। सीएमएस डॉ. सुनीता सिंह ने बताया कि रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति के लिए कई बार स्थानीय और उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है।
रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज : यहां दो अल्ट्रासाउंड मशीनें हैं, लेकिन स्थाई रेडियोलॉजिस्ट न होने से ज्यादातर रेडियोलॉजी विभाग में ताला ही लटकता रहता है। यहां पर संविदा में रेडियोलॉजिस्ट डॉ. पीएस सागर कार्यरत हैं, लेकिन मरीजों को भरपूर फायदा नहीं मिल पा रहा है। प्राचार्य डॉ. मुकेश कुमार यादव ने बताया कि स्थायी रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती को लेकर निदेशालय को छह बार पत्र भेजा गया है। अब शासन से रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की मांग की है।
जिला पुरुष अस्पताल : रेडियोलॉजिस्ट का पद लगभग चार साल से रिक्त है। महोबा के रेडियोलॉीजिस्ट डॉ.सुरेश कुमार को यहां अस्थाई रूप से संबद्ध किया गया है। वे यहां तीन दिन (सोमवार, बुधवार व शुक्रवार) मरीजों का अल्ट्रासाउंड करते हैं। लगभग 10 से 15 मरीजों की वेटिंग लिस्ट रहती है। सीएमएस डॉ.एसएन मिश्र ने बताया कि वह छह बार निदेशालय को पत्र भेज चुके हैं। अपर निदेशक ने चित्रकूट के रेडियोलॉजिस्ट को यहां नियुक्त किया था। लेकिन अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया। पिछले माह पुन: शासन को अवगत कराते हुए नियुक्ति का अनुरोध किया है।