- डिप्थीरिया से बचाने के लिए टीकाकरण करवाना जरूरी है
- टीम व प्रभावशली व्यक्ति के सहयोग से 49 मना करने वाले परिवारों का हुआ टीकाकरण
- जिला अस्पताल व अन्य सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त में लगवाएं टीका
आगरा। बच्चों के जीवन और भविष्य की सुरक्षा के लिए सबसे प्रभावी और किफायती तरीकों में से एक है टीकाकरण। शिशुओं के लिए टीकाकरण जरूरी है। नियमित टीकाकरण को छोड़ने से नवजात के जीवन पर जानलेवा प्रभाव पड़ सकता है। शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को 11 जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत टीकाकरण किया जाता है l
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि नियमित टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों को टीकाकरण के लिए जागरुक कर शत-प्रतिशत लाभ जन समुदाय को दिलाना ही प्राथमिकता है। शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को 11 जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता हैँ जैसे डिप्थीरिया एक संक्रामक रोग है। यह रोग कोराइन बैक्टीरियम डिप्थीरिया के कारण होता है जो गले और ऊपरी वायुमार्ग को संक्रमित करता है तथा टॉक्सिन एवं अन्य अंगों को प्रभावित करता है। दूसरे प्रकार का डिप्थीरिया गले और कभी-कभी टॉन्सिल को प्रभावित करता है। डिप्थीरिया के खिलाफ टीकाकरण से होने वाली मृत्यु दर कम हुई है। अपने बच्चे को सरकारी अस्पताल में डिप्थीरिया का टीका जरूर लगवाएं। यह निःशुल्क लगाया जाता है। टीकाकरण अभियान सभी की सहभागिता से ही सफल हो सकता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन (डीआईओ) ने बताया कि टिटनेस बैक्टीरिया की वजह से होता है, जो शरीर के अन्दर त्वचा पर पडे दरार के माध्यम से प्रवेश करते है और एक विष उत्पन्न करते है जो तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करता है। इससे शरीर मे दर्दनाक कसाव और जबड़ो मे जडाव पैदा होता है, जिससे संक्रमित व्यक्ति उसका/उनका मुँह नही खोल सकता या निगल सकता है। जब टिटनेस सांस लेने में मदद करने वाली मांसपेशियों को प्रभावित करता है, तब रोगी तुरुन्त ही मर भी सकता है।
डीआईओ ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत टीकाकरण से वंचित वैब (वैक्सीन अवॉइडेंस बिहैवियर) झिझक /उदासीन परिवारों को मोबिलाइज कर टीकाकरण कराने में स्वास्थ्य विभाग सभी की सहभागिता से ही सफल हो सकता है | आशा और एएनएम छूटे हुए बच्चों को चिन्हित करने के बाद ई कवच पोर्टल पर अपडेट कर रही हैँ | टीकाकरण होने के बाद भी जानकारी पोर्टल पर अपडेट की जा ही हैँ ।
जागरूकता गतिविधियां :
आममानस को शत-प्रतिशत टीकाकरण का लाभ प्राप्त कराने के लिए नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शाहगंज फर्स्ट के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ.प्रताप सिंह , एएनएम सुनीता पाल, आशा मायादेवी, प्रभावशाली शेर मोहम्मद और यूनीसेफ की बीएमसी शाहिना परवीन एक टीम के रूप में मना करने वालों लोगों घर-घर जाकर जागरुक कर रहे हैं।
एमओआईसी डॉ. प्रताप सिंह ने बताया कि शाहगंज में 114 ऐसे परिवर थे, जो टीकाकरण के लिए मना कर रहे थे । अपनी टीम व प्रभावशली व्यक्ति के सहयोग से 49 मना करने वाले परिवारों का टीकाकरण करा दिया गया है। इस कार्य में यूनिसेफ की टीम अहम भूमिका निभा रही है l हमारी टीम द्वारा इन परिवारों का फालोप भी किया जा रहा था।
ढोल बस्ती निवासी अब्दुल मन्नान बताते हैं कि मेरी बेटी माहिरा डेढ़ वर्ष की हो गई। हमने बच्ची का टीकाकरण समय से कराया है। हमारी बेटी स्वस्थ है।
ढोल बस्ती निवासी आफरीन ने बताया कि मेरा बच्चा आठ महीने का हो गया। हमने पहले टीका लगवाया था। बच्चे को बुखार आने के कारण डर गए थे। हम अकेले रहते हैं । इसलिए टीकाकरण नहीं करा पाए थे। हमने टीका लगवाने से मना कर दिया। डॉक्टर साहब ने हमे समझाया तो हमने अपने बच्चे का टीकाकरण करा लिया है l