अन्य

ईसाई पंचांग का नया पूजन-वर्ष प्रारम्भ

गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाएं हुईं

आगरा, । “प्रभु ईसा मसीह का पुनर्रागमन सुनिश्चित है आज से दो हजार वर्ष पूर्व वे इतिहास में जन्मे थे। हमारा विश्वास है कि अब वे संसार के अंत में (कयामत के दिन) संसार का न्याय करने पुनः आयेंगे। हमें हर क्षण उनसे भेंट करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उनसे हमारी भेंट एक प्रेमी दयालु न्यायकर्ता के रूप में होगी” आगरा महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष डॉ राफी मंजलि ईसाई पूजन वर्ष के शुभारम्भ के अवसर पर स्थानीय निष्कलंक माता महागिरजाघर, वजीरपुरा रोड, आगरा में लोगों को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे। आज से ईसाई समाज का नया पूजन वर्ष प्रारम्भ हो गया है। इस अवसर पर सेंट मेरीज़ चर्च में पल्ली पुरोहित फादर जोसफ डावरे, फादर जॉन डिकुन्हा, फादर प्रकाश डिसूजा एवं फादर लॉयड लोबो ने नववर्ष का पवित्र मिस्सा बलिदान चढ़ाया। इसी प्रकार से निष्कलंक माता महागिरजाघर (वजीरपुरा), सेंट पैट्रिक्स चर्च (आगरा छावनी) एवं सेंट जूड चर्च, कौलक्खा में भी विशेष प्रार्थनाएं की गयीं। आगरा के संयुक्त ईसाइयों द्वारा मेरठ स्थित कृपाओं की माता के 200 वर्ष पुराने ऐतिहासिक महागिरजाघर / तीर्थ स्थान की पवित्र तीर्थयात्रा में भाग लिया गया।

फादर मून लाजरस ने बताया कि ईसाई पूजन वर्ष विभिन्न कालों (समय) में विभाजित है नव पूजन वर्ष का प्रारम्भ आगमन काल (एडवेण्ट सीजन) से होता है। इसके बाद क्रिसमस काल, सामान्य पूजा वर्ष, दुःखभोग काल, पास्का काल तथा पुनः सामान्य पूजा काल होते हैं। आगमन काल में सभी मसीही प्रभु ईसा मसीह के आने की आध्यात्मिक तैयारी करते हैं। वैसे तो प्रभु ईसा मसीह दो हजार वर्ष पूर्व इतिहास में आ चुके हैं। अब उनके पुनरागमन की प्रतीक्षा की जाती है। तीन साढ़े तीन सप्ताह के इस आगमन के दौरान गिरजाघरों में विशेष सजावट आदि नहीं होती है। पूजा के दौरान वाद्ययन्त्रों का प्रयोग नहीं किया जाता है। पूजा वेदी पर फूल आदि नहीं लगाये जाते हैं। पुरोहित बैंगनी वस्त्र धारण करते हैं। इन दिनों विवाह आदि जैसे मांगलिक कार्यक्रम भी नहीं होते हैं। पुरोहित अपने प्रवचनों में सादा जीवन जीने और दान-पुण्य, सेवा-सत्कार आदि पर विशेष बल देते हैं। प्रत्येक रविवार को प्रतीकात्मक रूप से एक रंगीन मोमबत्ती अलग से जलायी जाती है।

क्रिश्चियन समाज सेवा सोसायटी के अध्यक्ष श्री डेनिस सिल्वेरा ने नगर के समस्त ईसाई समाज को नववर्ष की बधाई देते हुए आगामी महापर्व क्रिसमस के लिए आत्मिक रूप से तैयारी करने का आह्वान किया है।