संवाद-मो नज़ीर क़ादरी
महर्षि स्वामी दयानन्द ने आर्य समाज के माध्यम से सबको श्रेष्ठ पुरूष बनने की सीख दी
अजमेर । महर्षि स्वामी दयानन्द ने समस्त लोगो को श्रेष्ठ पुरूष बनने अर्थात आर्य बनने की सीख दी और जल थल व नभ के समस्त जीवो के कल्याण की कल्पना करने व प्रार्थना करने की सीख देते हुए बताया कि कि तब ही मानव मात्र का कल्याण हो सकता है।उपरोक्त प्रवचन आर्य समाज के विद्वान जयपुर निवासी आर्य समाज के आचार्य गोविन्द सिंह ने आर्य समाज संस्था सदर बाजार मून्दडी मौहल्ला अजमेर के तत्वावधान में आयोजित आर्य समाज के पूर्व प्रधान व पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीवान सोभराजमल के स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित हवन यज्ञ में व्यक्त किये।इस अवसर पर पण्डित जागेश्वर निर्मल ने अपनी रचना एक दिन तेरी ढोली उठाई जायेगी,बिना मुहुर्त और बिना जानकारी के उठाई जायेगी सुनाई और जीवन में अधिक नही बोलने व प्रति पल परमात्मा का सिमरण करने की बात अपने प्रवचनांें में कही।हवन यज्ञ की मुख्य यजमान वरिष्ठ नागरिक दादी सुश्री चन्द्रा देवनानी ने कहा कि सत्संग का लाभ जहा भी मिले उसका लाभ लेना चाहिये।आर्य समाज संस्था सदर बाजार मून्दडी मौहल्ला के संयुक्त मंत्री रमेश लालवानी नें इस अवसर पर आर्य समाज की गतिविधयो के सम्बंध में जानकारी प्रदान की और आर्य समाज के पूर्व प्रधान सोभराजमल के जीवन परित्र के सम्बंध में जानकारी प्रदान की।
हवन यज्ञ की मुख्य यजमान के रूप में समाज सेवी वरिष्ठ नागरिक प्रधाना सुश्री चन्द्रा देवनानी,श्रीमती पुष्पा व चेतन मंगलानी,रमेश लालवानी,राजेन्द्र कुमार मूरजानी,सुश्री ज्योति तोलानी,डा.सरला,श्रीमती जसोता लालवानी,श्रीमती राजकुमार बठीजा,श्रीमती सोनी लालवानी,खियलदास मंगलानी,हेमराज प्रजापति तथा अन्य द्वारा वैदिक मंत्रोचारण के साथ हवन यज्ञ में सामग्री की आहूति प्रदान की गई।हवन यज्ञ की समाप्ति पर हवन के यजमानो को पुष्प वर्षा करके सामूहिक रूप से आर्शीवाद प्रदान किया गया।प्रभू आराधना के भजन पूज्यनीय प्रभ्ुा हमारे भाव उज्जवल कीजिये व सुखी बसे संसार सब दुखिया रहे ने कोय चेतन मंगलानी व राजकुमारी बठीजा से सुनाये।आचार्य गोविन्दसिंह,पण्डित व कवि जागेश्वर निर्मल को सम्मानित किया गया।शांन्ति पाठ के पश्चात कार्यक्रम का समापन्न किया गया।