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महात्मा बुद्व ने मानवता का जीवन जीने और मानव अधिकारो की रक्षा सिखाई:गुणवन्त राहुल

अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर बौद्व मठठ में वैचारिक गोष्ठी का आयोजन

संवाद। मो नजीर क़ादरी

अजमेर । महात्मा बुद्व ने मानवता का जीवन जीने और मानव अधिकारो की रक्षा करने की सीख दी।महात्मा बुद्व ने जल ,थल और नभ के जीवो की सुरक्षा और उनके कल्याण की सीख दी।उपरोक्त विचार अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर रविवार को गौतम नगर स्थित महाबोधि विहार बौद्व मठठ में वैचारिक गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए बौद्व मठठ के अध्यक्ष गुणवन्त राहुल ने व्यक्त किये।वैचारिक गोष्ठी के मुख्य वक्ता जन सेवा समिति के संस्थापक व महासचिव रमेश लालवानी ने बताया कि 10 दिसम्बर 1948 को संयुक्त राष्ट्र संघ की साधारण सभा के द्वारा प्रतिवर्ष मानव अधिकार दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया गया।रमेश लालवानी ने बताया कि लोकतंत्र की व्यवस्था में मानव की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी आवश्यक है।मानव अधिकारो का हनन रोकने के लिए हम सबको अपने अपने स्तर पर प्रयास करना होगा।रविकुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि मानव अधिकारो के संरक्षण से प्रत्येक मानव को विकास करने का समान अवसर मिलेगा।सुश्री कीर्तिका गुणवन्त राहुल ने कहा कि मानव अधिकारो में महिलाओ को भी समानता के मानव अधिकार मिलने में सबका सहयोग आवश्यक है।श्रीमती मोनिका ने वर्तमान परिपेक्ष में मानव अधिकारो का महत्व आवश्यक और महत्वपूर्ण बताया।इस अवसर पर महात्मा बुद्व की प्रतिमा के सम्मुख विश्व के समस्त जीवो जल ,थल और नभ के जीवो की सुरक्षा और खुशहाली की प्रार्थना का आयोजन भी किया गया।इस अवसर पर श्रीमती मोनिका,श्रीमती लक्ष्मी,श्रीमती सोनी गुणवन्त,सुश्री कीर्तिका,पुष्पेन्द्र कुमार,रमेश लालवानी,गुणवनत राहुल,रविकुमार आदि ने महात्मा बुद्व की प्रतिमा के सम्मुख विश्व के समस्त मानवो के अधिकारो की रक्षा की प्रार्थना की।