फोन करना था रामपुर डीएम को, करते रहे मैनपुरी डीएम को
बूंदी, राजस्थान . समाजवादी पार्टी ने रामपुर उप चुनाव में पुलिस द्वारा मुसलमान मतदाताओं को वोट डालने से रोके जाने को मुद्दा नहीं बनाया. सपा का मुसलमानों के साथ ऐसा रवैय्या कोई पहली बार नहीं देखने को मिला है. ये बातें उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने स्पीक अप कार्यक्रम की 75 वीं कड़ी में कहीं.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि रामपुर उपचुनाव में जिस तरह पुलिस ने मुसलमान मतदाताओं को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया, उनके मुहल्लों के बाहर फोर्स लगाई और वैध मतदाता पहचान पत्र होने के बावजूद मुस्लिम वोटरों पर बल प्रयोग किया गया, जिसके वीडियो प्रमाण भी हैं, वो सरकार द्वारा राज्य मशीनरी के दुरूपयोग का बड़ा उदाहरण था. लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव जी इसपर सिर्फ ट्विटर तक ही विरोध करते दिखे. जबकि मैनपुरी के चुनाव में जहाँ उनकी पत्नी आसानी से जीत रही थीं वहाँ के डीएम पर वो फोन न उठाने का आरोप लगा रहे थे. जबकि उन्हें फोन करने की ज़रूरत रामपुर के प्रशासन को थी जो मुसलमानों को मताधिकार से ही रोकने पर उतारू था. जिसके चलते वहां सिर्फ़ 33.702 प्रतिशत वोट ही पड़ पाया.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संघ और भाजपा शुरू से ही मुसलमानों से वोट का अधिकार छीन लेने की बात करते रहे हैं. योगी आदित्यनाथ के संगठन हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा सपा नेता सुनील सिंह तो योगी की मौजूदगी में मंचों से कहते थे कि अगर योगी मुख्यमन्त्री बनें तो मुसलमानों का वोट देने का अधिकार छीन लिया जाएगा. अब ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव के सहयोग से योगी सरकार ने पुलिस के आतंक के बल पर रामपुर में यह करके दिखा दिया है. उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश यादव वास्तव में सेकुलर नेता होते तो मुसलमानों को मताधिकार से रोके जाने पर खुलकर आवाज़ उठाते. लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने भाजपा से मैनपुरी के बदले रामपुर के मुसलमानों का सौदा कर लिया है.