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भारत का स्वाधीनता संघर्ष एवं सांस्कृतिक राष्ट्रवाद विषय पर वक्ताओं दिए विचार

आगरा। डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के संस्कृति भवन में राष्ट्रीय संगोष्ठी (विषय) भारत का स्वाधीनता संघर्ष एवं सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि प्रोफेसर आशुरानी कुलपति और मुख्यवक्ता डॉ ओम उपाध्याय निदेशक भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली रहे।
मंचासीन रहे प्रोफेसर सुगम आनंद, प्रोफेसर हेमा पाठक. स्वागत किया प्रोफेसर सुगम आनंद ने, कुलपति जा का परिचय डॉ शिवानी द्वारा दिया गया और प्रोफेसर प्रतिमा अस्थाना का जीवन परिचय शिवम कुमार गुप्ता द्वारा दिया गया।

शोध सार में बताया गया की राष्ट्रवाद वह भावना है जो लोगों को एकता के सूत्र में बांधती हैं और स्वराज के प्रति विश्वास पैदा करके राष्ट्रीय आन्दोलन को एक ठोस आधार प्रदान करती है। राष्ट्रीय आन्दोलन ही वह विचार है जो लोगों को चेतना प्रदान करने में समाज सुधारकों, राष्ट्रवादी नेताओं, राजनितिक संस्थाओं, शिक्षा प्रणाली, राष्ट्रवादी आदि तत्वों का बहुत अधिक योगदान रहा है।संगोष्ठी में चर्चा हुई की इतिहास विभाग नए आयाम तक पहुंच सकता है जिसके लिए युवा को आगे आना होगा पहल करनी होगी. क्यूंकि क्लास के छात्र छात्राएं हर एक तरह के प्रतियोगी परीक्षाओं में आगे रहते हैं।

उन्हें इतिहास विषय की शक्ति पर सचेत होना चाहिए. इतिहास के छात्र छात्राओं को अध्यापकगण के साथ विश्वविद्यालय के वर्षों के इतिहास को समझना होगा. जैसे ललित कला संस्थान, इतिहास और पर्यटन तीनों मुख्य विभाग विश्वविद्यालय के इतिहास को गौरांवनित करेंगे। एक दूसरे के साथ अगर ये विभाग और छात्र जुड़े रहे तब विश्वविद्यालय का भविष्य अति उत्तम बनेगा।
संचालन इतिहास एवं संस्कृति विभागाध्यक्ष प्रोफेसर बी डी शुक्ला द्वारा किया गया और सरस्वती वंदना पंडित देवाशीष गांगुली व ललित कला संस्थान के संगीत विभाग के छात्रों ने प्रस्तुत की. कार्यक्रम में मौजूद रहे डॉ मनोज कुमार राठौर, प्रोफेसर यू एन शुक्ला, डॉ अलका शर्मा, डॉ अमित और प्रोफसर लवकुश मिश्रा रहे।