नई दिल्ली ,देश में साल 2021 तक 128 करोड़ 99 लाख आधार कार्ड बन चुके हैं। RTI से खुलासा हुआ है कि पिछले 5 साल में बने आधार कार्ड में 355884 फर्जी हैं। इन्हें यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने निरस्त कर दिया है। इनमें 10 से 12 हजार आधार कार्ड मध्य प्रदेश के थे।
RTI एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ ने UIDAI से मल्टीपल और डुप्लीकेट संबंधी जानकारी पूछी थी। उन्हें बताया गया कि देश में पिछले पांच साल में 355884 आधार कार्ड डुप्लीकेट और मल्टीपल मिले, जिन्हें निरस्त किया गया।
हालांकि इस बारे में डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी निकुंज श्रीवास्तव का कहना है कि आधार का काम UIDAI देखता है, राज्य सरकार का तो सिर्फ इसमें टेक्निकल सपोर्ट रहता है। वहीं, UIDAI के भोपाल स्थित ऑफिस से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
फेक आधार कार्ड में हर एक डिटेल जैसे नाम, घर का पता, डेट ऑफ बर्थ, वर्चुअली आईडी सही नहीं थी। जब फेक आधार कार्ड का नंबर UIDAI की साइट से वेरिफाई किया गया, जो यूआईडी और यूआईडीएआई के डेटाबेस से मैच नहीं हुआ।
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड आईटी के अनुसार, 2022 में जुलाई के महीने तक देश में 1.47 करोड़ लोगों ने अपना आधार कार्ड अपडेट करवाया है। इसके लिए लोगों ने आधार केंद्रों और ऑनलाइन आधार अपडेट पोर्टल की मदद ली। यानी जुलाई के अंत तक 63.55 करोड़ लोग अपने आधार कार्ड का डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक डिटेल अपडेट करा चुके हैं।
LPG, मनरेगा और नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम समेत कई योजनाओं का लाभ लोगों तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए पहुंचाने में आधार का अहम रोल है। देशभर में जुलाई 2022 में 12511 करोड़ रु. का ट्रांजेक्शन आधार पेमेंट ब्रिज के माध्यम से किया गया। जुलाई में आधार के जरिए 22.84 करोड़ रुपए और ई-केवाईसी ट्रांजेक्शन किए गए हैं। आधार इनेब्लड पेमेंट सिस्टम और माइक्रो एटीएम नेटवर्क के माध्यम से 1507 करोड़ रुपए के बैंकिंग ट्रांजेक्शन हुए।
साभार – दैनिक भास्कर