संवाद/विनोद मिश्रा
बांदा। प्रदेश सरकार के मुखिया “योगी महाराज की बांदा में साख दांव पर है”। लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड गढ्डों की मुक्ति के नाम पर तीन करोड़ के भ्रष्टाचार का “तांताथैया” कर रहा हैं। “गढ्ढा युक्त सड़कों को मुक्त” करने के लिये “बिना बुल -बुल के नाचे ही” सड़कें “चकोलाइट”के मद का तीन करोड़ से ज्यादा की रकम से विभागीय अधिकारीगण “अपने ठेकेदार रूपी बुलबलों” से मिली भगत कर अपनी जेबें के गढ्ढों को जिस दुस्साहसिक तरीके से भर लेने की “गाथा का सुरताल” कर रहें हैं, वह अपने आप में “आश्चर्यजनक अजूबा” हैं!
हम प्रदेश के ईमानदार शासक “सीएम योगी आदित्य नाथ को खबर बता रहे हैं ताकि भ्रष्ट दंडित हो सकें”। उनकी ईमानदारी की साख पर आंच न आयें। खबर यह हैं कि “भ्रष्टाचार के हमाम में “धन हड़प” कहानी सूत्रों की जुबानी जो उजागर हुई हैं उसको हम “योगी महाराज को समझाते” हैं। लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड को गढ्ढा मुक्ति को शासन से मिले 3.55 करोड़ में से बचे 3.02 करोड़ विभागीय अफसर ठेकेदारों से मिलकर हजम करने का “डांस कर” रहे हैं। दुःसाहस यह हैं कि बिना तकनीकी स्वीकृति के निविदाएं आमंत्रित करने से खेल शुरू हुआ। सड़कों को गड्ढा मुक्त करने में निर्धारित दर से 35 फीसदी कम पर 53 लाख के ठेके उठाए गए थे। जिन ठेकेदारों ने गड्ढा मुक्त के लिए निविदाएं ली थी,उनसे अतिरिक्त मद दिखाकर निविदा में दिखाई गई राशि से दो से तीन गुना अधिक के बिल लिए जा रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग ने बांदा जनपद की 85 सड़कों के 437 किलो मीटर में गड्ढों को भरने के लिए शासन को 7.09 करोड़ की मांग की थी। शासन ने 3.55 करोड़ का बजट दिया। बताया जा रहा हैं कि विभाग ने मानकों से इतर बिना तकनीकी स्वीकृतियों के निविदाएं आमंत्रित की और 35 फीसदी कम दरों पर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने में 53 लाख रुपये के ठेके उठा दिए। गड्ढा मुक्ति की अंतिम तिथि 30 नवंबर थी, लेकिन अभी तक सड़कें गड्ढामुक्त नहीं हो सकी।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि विभाग ने शेष 3.02 करोड़ बजट को “ठिकाने लगाने का डांस” शुरू कर चुका है। ठेकेदारों की अतिरिक्त मद दिखाकर टेंडर से दोगुनी राशि का भुगतान हो रहें हैं ? जिससे रणनीति के मुताबिक बची राशि मिल-जुल कर हजम की जा सके! यहां यह जानकारी देना जरूरी है कि शासन के स्पष्ट निर्देश थे कि गड्ढा मुक्ति के लिए दिया बजट यदि बचता है तो उसे तत्काल वापस किया जाए, लेकिन विभाग ने बची राशि वापस नहीं की!
ठेकेदारों से कहा गया है कि वह अतिरिक्त मद दिखाकर निविदा में दर्शाई राशि से दो या तीन गुना के बिल प्रस्तुत करें। विभागीय अधिकारियों ने सड़कें गडढा मुक्ति करने वाले ठेकेदारों से यह तय कर रखा है कि वह अतिरिक्त मद का 60 फीसदी हिस्सा स्वेच्छा से वापस करेंगे। लोकनिर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशाषी अभियंता राज मुथिरिया घपले की बात से घुटे कलाकार की तरह कहते हैं गढ्ढा मुक्ति का अनुमान से बजट ज्यादा बढ़ गया इसलिए बजट की बची रकम उसमें समामाहित की जा रहीं हैं।