श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो..
गिरिराज जी की शिला पर किया गोविंदाभिषेक, पुष्प और दुग्ध धार सँग लगाई सप्तकोसी परिक्रमा
आज 1 हजार थालों में लगेंगे 11 हजार किलो के छप्पन भोग, ताज नगरी से शामिल होंगे 10 हजार से अधिक भक्त-श्रद्धालु
आगरा। श्री गिरिराज जी सेवक मंडल परिवार द्वारा आयोजित दो दिवसीय दिव्य छप्पन भोग मनोरथ रविवार सुबह गोवर्धन में बड़ी परिक्रमा मार्ग स्थित श्री कार्ष्णि आश्रम में भक्ति और उल्लास के साथ शुरू हुआ। पहले दिन गिरिराज जी की शिला पर सुरभि गाय के थनों से निकलने वाले दूध से भक्तों ने गोविंदाभिषेक किया और आरती उतारी। सुमधुर भजनों की सुर लहरी के मध्य नाचते-झूमते और जयकारे लगाते हुए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पुष्प और दुग्ध धार के साथ सप्तकोसी परिक्रमा लगाई। इस दौरान ‘श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रह्यो’ भजन पर सब सुध-बुध भूल गए।
इस अवसर पर सीमा- अजय गोयल, स्वीटी-मनोज गर्ग, उर्मिला-श्यामसुंदर माहेश्वरी, कविता-पवन अग्रवाल, मनीषा- मनीष गोयल, प्राची-नीरज अग्रवाल, मीना-रमाशंकर गुप्ता, अर्चना-अतुल गोयल, रिंकल- मनीष अग्रवाल, सोनाली-मनीष बंसल, निधि-नितिन अग्रवाल, आरती-योगेश बंसल, अभिषेक अग्रवाल, योगेश अग्रवाल और सुनील अग्रवाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
आज लगेंगे 11 हजार किलो के छप्पन भोग
अजय गोयल और मनोज गर्ग ने बताया कि दो दिवसीय दिव्य छप्पन भोग मनोरथ के दूसरे दिन सोमवार को सुबह 11 बजे से साधु सेवा होगी। दोपहर 12 बजे श्री गिर्राज जी महाराज का अलौकिक स्वर्णिम श्रृंगार होगा। श्यामसुंदर माहेश्वरी और पवन अग्रवाल ने बताया कि प्रभु को एक हजार थालों में 11 हजार किलो के छप्पन भोग समर्पित किए जाएंगे। दोपहर 1:00 से महा प्रसादी का आयोजन होगा। समारोह में ताज नगरी के 10 हजार से अधिक भक्त-श्रद्धालु श्रद्धा पूर्वक सहभागिता करेंगे।