भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के , संयुक्त सचिव डॉ. हनीफ कुरैशी, आईपीएस, ने 21 दिसंबर 2022 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में “डिजिटल इंडिया में ऑटोमोबाइल का भविष्य” विषय पर प्रो. अब्दुल मुबीन मेमोरियल लेक्चर दिया, जिसके बाद प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया। व्याख्यान का आयोजन मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जामिया द्वारा विभाग के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. अब्दुल मुबीन की स्मृति में किया गया था।
जामिया के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम एम हसन ने प्रतिष्ठित वक्ता, फैकल्टी सदस्यों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने प्रो. अब्दुल मुबीन के योगदान पर प्रकाश डाला और उनकी सराहना की जो न केवल एक अनुकरणीय शिक्षाविद थे बल्कि एक उत्साही शोधकर्ता, अच्छे शिक्षक और एक अच्छे इंसान भी थे।
डॉ. हनीफ कुरैशी ने दर्शकों के साथ प्रोफेसर अब्दुल मुबीन की अपनी कुछ यादें साझा कीं। उन्होंने श्रोताओं को संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, जापान, यूनाइटेड किंगडम और चीन के बीच भारत को प्रमुख ऑटोमोबाइल उत्पादक देशों में से एक बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत सरकार द्वारा स्थापित देश के विभिन्न प्रमुख ऑटोमोटिव परीक्षण, सत्यापन और अनुसंधान एवं विकास संगठनों की भूमिका साझा की, जैसे ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), पुणे (महाराष्ट्र) और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी), गुरुग्राम (हरियाणा)। उन्होंने विस्तार से बताया कि आईसीएटी में ईंधन की खपत और एग्जॉस्ट एमिशन पर विभिन्न प्रकार के लुब्रीकेंट्स, एडिटिव्स और ईंधन के प्रभाव का आकलन करने के लिए टेस्टिंग और एनालाइसिस की सुविधाएं हैं।
डॉ. कुरैशी ने इकोलॉजिकल बैलेंस और कॉस्ट इफेक्टिवनेस के लिए इथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल और फ्लेक्स फ्यूल के उपयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया। गन्ने की खोई और चावल की भूसी जैसे कृषि अपशिष्ट से इथेनॉल आसानी से निकाला जा सकता है।
उनकी विशेषज्ञ वार्ता के बाद शिक्षाविदों और छात्रों दोनों की उत्साहपूर्ण भागीदारी के साथ एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया। प्रोफेसर जेड.ए. खान द्वारा डॉ. हनीफ कुरैशी को स्मृति चिन्ह भेंट करने और कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर सबा खान द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सत्र का समापन हुआ।