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राष्ट्रीय गणित दिवस पर यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में हुए कार्यक्रम

आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के गणित विभाग( सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस) में श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिन पर राष्ट्रीय गणित दिवस 2022 का आयोजन प्रति कुलपति प्रो. अजय तनेजा की अध्यक्षता में किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया।

गणित विभाग के प्रो. संजय चौधरी ने सभी का स्वागत किया और कार्यक्रम की जानकारी दी साथ ही उन्होने श्रीनिवास रामानुजन के जीवन के बारे में छात्रों को बताया. अपने उद्बोधन में प्रति कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय देते हुए गणित को विज्ञानं की जननी क्यूँ कहा जाता है इस पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. सुंदर लाल (पूर्व कुलपति पूर्वांचल वि. वि.) द्वारा श्रीनिवास रामानुजन और स्वामी विवेकानंद के जीवन की समानताओ पर प्रकाश डाला और कहा कि जिस तरह स्वामी विवेकानंद ने आध्यात्मिक होकर पुरे विश्व में भारत को सम्मान दिलाया, उसी प्रकार श्रीनिवास रामानुजन ने गणित में पुरे भारत को एक अलग पहचान दिलाई. साथ ही उनके गणित में किये गए कार्यो के बारे में विस्तार से बताया । 1857 से 1897 (40 वर्ष) में हुए महापुरुषों के बारे में जानकारी दी और अंत में प्रो. सुंदर लाल ने कहा कि हम सभी जानते है कि भारत ने जीरो की खोज की है और श्रीनिवास रामानुजन इसको इनफिनिटी तक ले गए है।

कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि प्रो. अगम प्रसाद त्यागी (दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट) ने सबसे पहले सभी को आज के इस कार्यक्रम के लिए बधाई दी . कार्यक्रम में उनका विषय रहा Probability (प्रायिकता). उन्होंने Probability (प्रायिकता) पर कई वास्तविक जीवन के उदाहरण देकर जानकारी दी. साथ ही कॉइन की प्रोबेबिलिटी , डाइस की प्रोबेबिलिटी का उदाहरण लिया और बताया कि हमारे जीवन के हर मोवमेंट में प्रोबेबिलिटी है. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे हम पुराने रिकॉर्ड/डाटा के आधार पर भी प्रोबेबिलिटी का पता लगाते है. उन्होंने अलग अलग तरह की प्रोबबिलिटी के बारे में जानकारी दी।

विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार ने कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन दिया और कहा कि दुनिया में कभी-कभी ऐसी प्रतिभाएं जन्म लेती हैं जिनके बारे में जानकार सभी आश्चर्य चकित रह जाते हैं। महान गणितग्य श्रीनिवास अयंगर रामानुजन एक ऐसी ही भारतीय प्रतिभा का नाम है जिनपर न केवल भारत को परन्तु पूरे विश्व को गर्व है। महज 32 वर्ष की उम्र में शायद ही किसी वैज्ञानिक और गणितग्य ने इतना कुछ किया हो जितना रामानुजन ने किया। यह आश्चर्य की ही बात है कि किसी भी तरह की औपचारिक शिक्षा न लेने के बावजूद उन्होंने उच्च गणित के क्षेत्र में ऐसी विलक्षण खोजें कीं जिससे इस क्षेत्र में उनका नाम हमेशा के लिए अमर हो गया।

कार्यक्रम में गणित विभाग के छात्रों द्वारा प्रेजेंटेशन दी गई जिसमे विश्व विवेक सिंह ने (The Man Who knew Infinity) विषय पर , राहुल प्रताप ने (TaxiCab Number) विषय पर और अनुज पचौरी ने (Ramanujan’s Magic Square) पर प्रेजेंटेशन दी।कार्यक्रम का संचालन गणित विभाग से डॉ. श्यामली गुप्ता ने किया. कार्यक्रम में प्रो. एस. के. जैन, प्रो. यू.एन. शुक्ला, आमेंद्रे सिंह, दीक्षा और गणित विभाग के सभी विद्यार्थियों/ कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा।