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बांदा में 18 हजार पर मौत का साया? बेसिक शिक्षा परिषद बनेगा मौत का परकाला


संवाद/विनोद मिश्रा


बांदा। बेसिक शिक्षा परिषद जिले में कभी भी हजारों की जान का भक्षण कर सकता है? क्योंकि स्थितियां तो कुछ इसी हादसे की आशंका उत्पन्न कर रहीं है। आशंका का कहर यदि वास्तव में बरप गया तो जिले में 18 हजार छात्र -छात्राओं के प्राण संकट में पड़ जायेगे। विभागीय उदासीनता को क्या हादसे का इंतजार है।? यह यक्ष प्रश्न है। जर्जर विद्यालय आधिकारियो की जर्जर मानसिकता की ओर इशारा सी कर रहीं हैं।


आपको बता दें कि शासन ने प्राथमिक विद्यालय भवन निर्माण के लिए लगभग 11,42,000 और पूर्व माध्यमिक विद्यालय निर्माण के लिए करीब 18,79,000 रुपये निर्धारित किए हैं। जिले में चिह्नित किए गए स्कूलों के निर्माण के लिए शासन से बजट भी जारी हो गया है। लेकिन तकनीकी कमेटी की सत्यापन रिपोर्ट ठंडे बस्ते में है। क्योंकि काम का सुपरिणाम नजर नहीं आता।
पहले चरण में बिसंडा और नरैनी क्षेत्रों में अवर अभियंताओं द्वारा सर्वे शुरू किया गया। जिले में कुल आठ ब्लॉक हैं।


बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक निर्माण मोहम्मद आमिर खान का कहना है कि जिले में 169 स्कूल जर्जर चिह्नित किए गए हैं। तीन सदस्यीय तकनीकी समिति नें इनका सत्यापन किया है। समिति की पूर्ण रिपोर्ट के बाद तय होगा कि कितने स्कूल गिरने लायक हैं या कितने मरम्मत योग्य हैं? 21 स्कूलों की मरम्मत की जा चुकी है। प्रत्येक विद्यालय में औसतन 100 से 130 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। ऐसे में जर्जर स्कूलों में लगभग 18 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन हालातों में ईश्वर से तो यही विनती है कि नौनिहालों पर कृपा करना अन्यथा बेसिक शिक्षा परिषद तो काल का साया बनकर मंडरा सा रहा है।