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डीएम दीपा से छुपा है पीएम आवास का भ्रष्टाचार:चाबुक चलने का इंतजार


संवाद/विनोद मिश्रा


बांदा।डीएम दीपा रंजन की कुशल प्रशासनिक नजरों को इनायत के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में लाभार्थियों बेसब्री से इंतजार है। क्योंकि पात्रों के चयन में आलम यह हुआ है कि अंधा बांटे रेवड़ी चीन्ह -चीन्ह के देय। इस तरह चयन में मनमानी की गई। डीएम दीपा साहिबा के संज्ञान में यह भी लाना जरूरी कि जिले में 20 से अधिक अपात्रों को पीएम आवास देने के मामले में दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई वह ठंडे बस्ते में पड़ी है। इसके चलते अभी तक अपात्रों को दी गई धनराशि की वसूली नहीं हुई है।आश्चर्य यह कि सांठगांठ से तीन सचिवों को निलंबित कर बिना वसूली फिर से बहाल कर दिया गया।


खबर की अन्दुरुनी तह यह है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 व 22 में जनपद में 20,916 परिवारों को पीएम आवास स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन ग्राम पंचायतों में आवास आवंटन में मनमानी की गई। ऐसे लोगों को पीएम आवास दे दिए गए, जिनके पास पहले से
लोहिया, इंदिरा और सीएम आवास बने हैं। कई के पास पक्के मकान, ट्रैक्टर और पर्याप्त कृषि भूमि है। कई लाभार्थी प्रधान के रिश्तेदार हैं। बड़ी बात यह है कि कई ऐसे भी लाभार्थी हैं, जिनके नाम पर आवास आवंटित ही नहीं हुआ। पात्र लाभार्थी से मिलता जुलता नाम होने का इनको लाभ दे दिया गया।


पूर्व डीएम के आदेश पर तत्कालीन परियोजना अधिकारी ग्राम्य विकास हुबलाल ने जांच की तो खुलासा हुआ था। डीएम के आदेश पर सचिवों से आपात्रों को दी गई राशि की वसूली व कार्रवाई के लिए डीपीआरओ को पत्र लिखा गया। दबाव पड़ने पर डीपीआरओ ने एक दो सचिवों को निलंबित कर 25 लाख में 80 हजार की वसूली कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया। उसी समय से पात्र लाभार्थी आवास निर्माण के लिए सचिवों के चक्कर लगा रहे हैं।


यह भी उल्लेखनीय है कि तत्कालीन प्रभारी डीपीआरओ रवि किशोर त्रिपाठी ने डीएम के आदेश पर पीएम आवास में गड़बड़ी पर जसपुरा के ग्राम पंचायत सिंधन कला की सचिव पूजा सिंह, महुआ के ग्राम पंचायत बहेरी के सचिव राजेश कुमार, बबेरू के ग्राम पंचायत अरमार के सचिव हरिनरायण को निलंबित कर दिया था। कुछ दिन में इन्हें बिना रिकवरी के ही बहाल कर दिया गया।