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जैन समाज में श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यावरण एवम पर्यटन स्थल घोषित किए जाने का विरोध जारी

  एस.एस. जैन ट्रस्ट  ने केंद्रीय विधि एवम न्याय राज्य मंत्री एस.पी.सिंह बघेल को सौंपा विरोध ज्ञापन 
 केंद्रीय मंत्री ने झारखंड के  जैन समाज की भावनाओं से अवगत कराने को लिखा झारखंड के मुख्यमंत्री को पत्र
आगरा  । एस.एस. जैन ट्रस्ट आगरा के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सोनी के नेतृत्व में जैन समाज का एक प्रतिनिधि मंडल जिसमे महासचिव राजेश सकलेचा, सचिव अनिल जैन,अशोक जैन, विवेक कुमार जैन, नरेश बरार, संदेश जैन आदि शामिल थे केंद्रीय विधि एवम न्याय राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल से मिले और उन्हे  
श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यावरण एवम पर्यटन स्थल घोषित किए जाने का विरोध ज्ञापन सौंप कर अपना विरोध व्यक्त किया।ज्ञातव्य है की तत्कालीन झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय    केंद्रीय वन मंत्रालय ने  2 अगस्त 2019 को अपने एकअधिसूचना आदेश 2795 के द्वारा पारसनाथ वन्य जीव अभ्यारण्य की इको सेंसिटिव जोन निर्धारण में गिरिडीह जिले में मधुबन में स्थित सर्वोच्च जैन शाश्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखर को वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग घोषित कर दिया है। इस कारण इस इको सेंसिटिव जोन में पर्यावरण, पर्यटन व गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति मिल गई है। इको सेंसेटिव जोन में प्रदूषण न फैलाने वाले लघु, कुटीर और ग्रामोद्योग को बढ़ावा दिया जा सकता है।पारिस्थितिकी पर्यटन के काम हो सकते हैं, जिनमे होटल एक किमी दायरे के बाहर स्थापित किए जा सकते है। प्राकृतिक जल स्त्रोत, प्राकृतिक संरचना, शैल संरचना, जल प्रपात, झरना, दर्रा, उपवन, गुफाएं, वन पथ को संरक्षित किया जाएगा।इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और गैर धार्मिक गतिविधियां बढ़ जाएगी।
जैन तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर जी में जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों  में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की है। यह तीर्थ सम्पूर्ण विश्व में जैन धर्म के अनुयायियों की  आस्था का केन्द्र है।
सरकार के इस फैसले से तीर्थ स्थल की स्वतंत्र एवं धार्मिक पहचान तथा पवित्रता नष्ट होने की संभावना है, देशभर के जैन समाज में इस निर्णय के कारण रोष व्याप्त है। जैन समाज की भावना है कि श्री सम्मेद शिखर जी को अहिंसक, शाकाहारी, व्यसनमुक्त धार्मिक क्षेत्र के रूप में पवित्र एवं संरक्षित रखा जाये। सम्पूर्ण जैन समाज श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यावरण एवम पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के आदेश  को वापस लेने की माँग कर रहा है।इस कारण आगरा जैन समाज की मांग है कि  जैन समाज के तीर्थ एवं आस्था के स्थल श्री सम्मेद शिखर जी की पवित्रता को बनाये रखने के लिये सम्पूर्ण जैन समाज की भावनाओं के विपरीत केंद्र सरकार द्वारा किए गए आदेश को वापस कराने एवं श्री सम्मेद शिखर जी को विश्व के जैनों का सबसे पवित्र धार्मिक स्थल घोषित किया जाने की प्रबल संस्तुति  आगरा के सांसद एवम देश के विधि एवम न्याय मंत्री के रूप में झारखंड सरकार से करें एवम केंद्र सरकार को भी प्रेषित करें। ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय मंत्री से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम जैन समाज के रोष एवम भावनाओं से अवगत कराने के लिए पत्र लिख दिया है।