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राजीव खंडेलवाल के काव्य लेखन पर सामने आई चौथी समीक्षात्मक पुस्तक, अंग्रेजी साहित्य जगत में बढ़ा आगरा का गौरव

भारतीय अंग्रेजी कविता के उत्तर आधुनिक लेखन क्षेत्र में ताजनगरी के राजीव खंडेलवाल ने पाया ऊंचा मुकाम

ताजनगरी के वरिष्ठ अंग्रेजी साहित्यकार राजीव खंडेलवाल को मिली देश-विदेश के सुप्रसिद्ध अंग्रेजी विद्वानों की सराहना

राजीव खंडेलवाल के दो काव्य संग्रहों पर देश-विदेश के विद्वानों ने लिखे 21 समीक्षात्मक आलेख, गुरुग्राम के अर्थ विजन पब्लिकेशन ने किया पुस्तकाकार

आगरा। ताजनगरी के राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अंग्रेजी कवि, साहित्यकार, समीक्षक और संपादक राजीव खंडेलवाल ने भारतीय अंग्रेजी कविता के उत्तर आधुनिक लेखन क्षेत्र में एक ऊंचा मुकाम पाते हुए एक बार फिर अंग्रेजी साहित्य जगत में आगरा का गौरव बढ़ाया है। राजीव खंडेलवाल के ‘कोंच शेल्स एंड काउरीज’ और ‘लव इज ए लॉट ऑफ वर्क’ सहित दो अंग्रेजी कविता संग्रहों पर देश- विदेश के जाने-माने अंग्रेजी विद्वान-समीक्षकों द्वारा लिखे गए 21 समीक्षात्मक आलेखों को गुरुग्राम के अर्थ विजन पब्लिकेशन ने ‘क्विनटेसेंस ऑफ इमोशंस इन मैन एंड हिज सेल्फ, वॉल्यूम वन, क्रिटिक्स’ के शीर्षक से पुस्तकाकार किया है। गौरतलब है कि राजीव खंडेलवाल के काव्य लेखन पर समीक्षा की यह चौथी पुस्तक सामने आई है। इससे पूर्व जाने-माने अंग्रेजी विद्वान और साहित्यकार डॉ. सोमपी रंचन, डॉ. भूपेंद्र परिहार और डॉ. वीवीबी रामाराव आपकी कविताओं पर आलोचनात्मक विश्लेषण की पुस्तकें लिख चुके हैं।

समकालीन सरोकारों की संवाहक हैं राजीव खंडेलवाल की कविताएं.
इस समीक्षात्मक कृति में डॉ. डीसी चैम्बियाल ने जहां राजीव खंडेलवाल की कविताओं में सोशल रियलिटी को तलाशा है, वहीं एमबी गैजन ने उनको समकालीन सरोकारों का संवाहक बताया है।
प्रोफेसर भूपेंद्र अजीज परिहार ने उनकी कविताओं को अत्यंत सकारात्मकता से सराबोर बताया है तो डॉ. मीता विश्वास ने उनको ‘पोइट ऑफ फाइनर ह्यूमन एस्पिरेशन’ और डॉ. शलीन कुमार सिंह ने उनको ‘पोएट ऑफ मैनी शेड्स’ बताया है। बृजा चट्टोपाध्याय ने इन कविताओं में विविध रंग और आकृतियों को उकेरा है तो वहीं वीवीबी रामाराव और डॉ. सोम रंचन ने इनके प्रेमी हृदय को रेखांकित किया है। डॉ. जयश्री सिंह का कहना है कि राजीव खंडेलवाल ने अपनी कविताओं में परंपरागत बैरियर्स को तोड़ा है।

ये रही है साहित्य यात्रा..
अब तक राजीव खंडेलवाल की प्रेम कविताओं के पांच और बाल कविताओं के चार संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। आपकी चुनिंदा अंग्रेजी प्रेम कविताओं का हिंदी में अनुवादित संग्रह “कितना कठिन है प्रेम” भी प्रकाशित हो चुका है। आपकी कुछ कविताओं का रोमानी, अरेबिक और चीनी भाषा में भी अनुवाद हुआ है। आपकी तीन कविताएं जबलपुर (मध्य प्रदेश) के पाठ्यक्रम में शामिल की जा चुकी हैं। आपकी चुनिंदा कविताओं पर एक लघु शोध भी हो चुका है।


आपको पीसीके प्रेम द्वारा संपादित “समकालीन इंडियन इंग्लिश पोएट्री” के इतिहास में दर्ज किया गया है, वहीं इंटरनेशनल सूफी सेंटर और सूफी वर्ल्ड द्वारा आपको भारत के श्रेष्ठ 25 कवियों में चुना गया है।आपकी सर्जनात्मक उपलब्धियों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेबनान की फाउंडेशन फॉर ग्रेटिस कल्चर द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।