अन्य

अवध रत्न सम्मान मिलने पर सै० अतहर नबी एडवोकेट को बधाई एवं स्वागत समारोह

 

लखनऊ: प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था संगम फाउंडेशन लखनऊ द्वारा प्रसिद्ध सामाजिक और सांस्कृतिक व्यक्तित्व और हिंदी उर्दू साहित्य पुरस्कार समिति के संरक्षक सैयद अतहर नबी एडवोकेट को वर्ष 2019 के मौलाना सैयद नईम अशरफ अवध रत्न पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर राष्ट्रीय सामाजिक कार्यकर्ता संघटन ने बधाई दी। प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हाजी मुहम्मद फहीम सिद्दीकी के नेतृत्व में संगठन के संयोजक मोहम्मद आफाक ने अन्य गणमान्य लोगों के साथ सैयद अतहर नबी से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें शॉल और गुलदस्ता भेंट किया।

इस अवसर पर हाजी मुहम्मद फहीम सिद्दीकी ने कहा कि इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए सैयद अतहर नबी जैसे प्रसिद्ध सामाजिक व्यक्तित्व का चयन करना एक सही निर्णय है। उन्होंने पिछले चालीस वर्षों से सामाजिक और सामाजिक कार्यों में खुद को समर्पित किया है। वह भी एक उत्कृष्ट प्रशासक भी हैं। लखनऊ के सबसे बड़े राष्ट्रीय संगठन अंजुमन इस्लाह उल-मुस्लिमीन के प्रमुख होने के साथ-साथ मुमताज़ कॉलेज और अमीर-उद्दौला इस्लामिया डिग्री कॉलेज जैसे बड़े और प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों के प्रमुख भी हैं। संगम फाउंडेशन के पदाधिकारियों को विशेष रूप से प्रो० सैयद मुहम्मद शफीक अशरफी बधाई के पात्र हैं। हाजी फहीम सिद्दीकी ने आगे कहा कि सैयद अतहर नबी ने राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक सेवाओं के अलावा साहित्यिक क्षेत्र में भी विशिष्ट कार्य किये हैं । हाल ही में प्रकाशित उनके उपन्यास घरौंदा ने उर्दू साहित्य में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

इस मौके पर राष्ट्रीय सामाजिक कार्यकर्ता संगठन के संयोजक व जाने-माने समाजसेवी मुहम्मद आफाक ने भी विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मौलाना सैयद नईम अशरफ अवध रतन पुरस्कार के लिए सैयद अतहर नबी उपयुक्त विकल्प हैं । उन्होंने अपनी साहित्यिक संस्था हिंदी-उर्दू साहित्य अवार्ड समिति के माध्यम से साहित्य में लखनऊ को अन्तरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई है। साहित्यिक संस्था संगम फाउंडेशन ने अनेक साहित्यकारों और कवियों को उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया है । सय्यद अतहर नबी को मौलाना सैयद नईम अशरफ अवध रतन अवॉर्ड से सम्मानित किया इसी कड़ी का हिस्सा है जो वास्तव में अगले तारीफ है । इसके लिए संगम फाउंडेशन के सभी पदाधिकारी दुआ जी री मेंबर भी बधाई के पात्र हैं। इस मौके पर मुहम्मद रिजवान कुरैशी व अब्दुल समद भी मौजूद रहे । अंत में सैयद अतहर नबी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया ।