संवाद।मो नज़ीर क़ादरी
अजमेर। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुददीन चिश्ती के आस्ताने शरीफ में चांदी का कटहरा सहित दरगाह के सभी प्रवेश और निकास के दरवाजों पर लगे चांदी के दरवाजों पर पॉलिश का काम कर्नाटक के कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। आस्ताने शरीफ में चांदी का कटहरा और दरगाह आने जाने वाले गेटों पर लगे चांदी के दरवाजे एतिहासिक हैं जिन पर पॉलिश कर उनको चमकाया जा रहा है।
इस संबंध में कर्नाटक के शुमागा से आए ज़ायरीन कारीगर अब्दुल रिजवान ने बताया कि वे अपने इक्कीस साथियों के साथ अजमेर आए हैं और दरगाह में चांदी के दरवाजों पर पॉलिश का काम कर अपनी खिदमत पेश कर रहे हैं।
ज़ायरीन अब्दुल रिजवान ने कहा कि यह उनके लिए बड़े सौभागय की बात है कि उन्हे महान सूफी संत के दर पर अपने साथियों के साथ काम करने का मौका मिला है। ज़ायरीन रिजवान ने बताया कि दरगाह में उनका काम आठ से 10 दिनों तक चलेगा।
इस संबंध में खादिम सैयद मोहम्मद जीशान हाशमी ने जानकारी देते हुए बताया कि कर्नाटक से आए कारीगर चांदी की पॉलिश का काम करते हैं और इन कारीगरों ने ख्वाजा की दरगाह के सभी दरवाजों और आस्ताना शरीफ के कटहरे पर पॉलिश कर अपनी खिदमत करने की ख्वाहिश जाहिर की है तो अंजुमन सैयदजादगान ने इनको यह कार्य सौंपा हैं।