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अब स्कूलों में मिड मील सरकारी बैठकों कार्यक्रमों में भोजन मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थ परोसे जाएंगे

लखनऊ। प्रदेश में मोटे अनाज (मिलेट्स) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार उनकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग कराएगी। सरकारी स्कूलों के मिड-डे मील में मोटे अनाज से बनने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाएगा। सभी होटल और रेस्तरां के मेन्यू में भी मोटे अनाज के खाद्य पदार्थ को शामिल कराया जाएगा। सरकारी बैठकों और कार्यक्रमों में भी मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थ ही परोसे जाएंगे।

प्रदेश में मोटे अनाज के उत्पादन एवं उपयोग पर शनिवार को लोक भवन में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में मोटे अनाज के रूप में ज्वार, बाजरा, सावां, कोदो, काकुन, रागी, कुटकी, चना, कुट्टू, चौलाई की पैदावार होती है। मोटे अनाज की खेती में सिंचाई के लिए पानी की कम जरूरत होती है। इसके लिए खाली पड़े असिंचित क्षेत्र को भी चिह्नित किया जाए।

उन्होंने सामान्य बीज एवं निःशुल्क बीज मिनी किट वितरित करने के निर्देश दिए। साथ ही शेफ प्रतियोगिता आयोजित करने का भी सुझाव दिया। उधर, जी-20 से संबंधित सभी आयोजनों व ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मिलेट्स की ब्रांडिंग व मार्केटिंग कराई जाएगी। आगरा, लखनऊ, वाराणसी और नोएडा में होने वाली बैठकों में आने वाले विदेशी मेहमानों को मोटे अनाज से बने व्यंजन परोसने की तैयारी है। सचिवालय स्थित कैंटीन व आकांक्षा मसाला मठरी केंद्र को मिलेट्स उत्पाद एवं उससे तैयार होने वाले पकवान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।