राजनीति

मुसलमानों को भ्रमित करने के लिए भाजपा बनवा रही है तीसरा मोर्चा- शाहनवाज़ आलम

अखिलेश पहले अपने पिता के बयान के लिए मांगें माफी

सीपीएम वही गलती कर रही है जो उसने 1989 में की थी

लखनऊ. तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर द्वारा कथित तीसरे मोर्चे का गठन भाजपा को फ़ायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. इसमें शामिल होते ही अखिलेश यादव की राजनीति हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी. यह पूरी कवायद मुस्लिम मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए है. जो राहुल गांधी जी के भारत जोड़ो यात्रा से प्रभावित होकर पूरी तरह कांग्रेस के साथ आ रहे हैं. इस समय देश में सिर्फ़ दो ही मोर्चे हैं भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए और कांग्रेस नेतृत्व वाली युपीए. कोई भी तीसरा मोर्चा भाजपा को मदद पहुँचाने के लिए ही बनेगा. ये बातें उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को दिल्ली नगर निगम के चुनावों में मुस्लिम बहुल इलाकों में वोट नहीं मिला. दिल्ली दंगों और तबलीग जमात को बदनाम करने में केजरीवाल की भूमिका को मुस्लिम समुदाय ने समझ लिया और मुस्लिम बहुल वार्डों में उसने फिर से कांग्रेस को वोट दिया. इस ट्रेंड से डरी भाजपा ने केजरीवाल को कथित तीसरे मोर्चे में भेजा है.

वहीं ग़ाज़ियाबाद, बागपत, शामली और कैराना से गुजरी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उमड़ी मुस्लिम समुदाय की भीड़ से अखिलेश यादव को अंदाज़ा हो गया है कि लोकसभा चुनाव में 20 प्रतिशत आबादी वाला मुस्लिम वर्ग पूरी तरह कांग्रेस में जा रहा है. ऐसे में उनका 5 प्रतिशत सजातीय वोटर भी सपा को छोड़ देगा जिसका बड़ा हिस्सा पिछले 2 लोकसभा चुनावों में भाजपा को वोट करता रहा है. जिसके कारण बसपा से गठबंधन के बावजूद वो सिर्फ़ मुरादाबाद, सहारनपुर, अमरोहा, संभल और बिजनौर जैसी मुस्लिम बहुल सीटें ही जीत पाये और कन्नौज और बदायूं जैसी यादव बहुल सीटें हार गये.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सपा की रणनीति है कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनी रहे ताकि प्रदेश में मुसलमान डर के कारण उसे वोट देते रहें. इसी रणनीति के तहत मुलायम सिंह यादव जी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के समय संसद में कहा था कि वे चाहते हैं कि मोदी जी दुबारा प्रधानमन्त्री बनें. जिसका संकेत समझ कर उनके सजातीय वोटरों ने भाजपा को वोट कर दिया था. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को भाजपा के खिलाफ़ बोलने से पहले अपने पिता के उस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.

मोर्चे की रैली में शामिल सीपीएम नेता और केरल के मुख्यमन्त्री पिनाराई विजयन पर शाहनवाज़ आलम ने कहा कि वामपंथी पार्टी वही गलती कर रही है जो उसने 1989 में कांग्रेस को सत्ता से दूर करने के लिए भाजपा के साथ मिलकर वीपी सिंह सरकार को समर्थन दे कर किया था. जिसके बाद से भाजपा ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए माहौल बनाकर देश को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित कर दिया. वामपंथी दलों को ऐसी गलती दोहराने से बचना चाहिए.