अपराध

प्रेमिका के साथ गई प्रेमी पत्नी

संवाद – नूरुल इस्लाम

कासगंज न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा प्रेमी पत्नी को बालिग मानते हुए उसकी स्वेच्छा पर जाने का दिया आदेश

कासगंज : न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दिन बृहस्पतिवार को एक प्रेमी जोड़े के द्वारा रचाई गई शादी के मामले की सुनवाई की जहां प्रेमी जोड़े द्वारा आर्यसमाज मंदिर में एक माह पूर्व शादी रचाई गई और इसी मामले का नया रूप देने के लिए प्रेमी पत्नी के पिता द्वारा थाना सिकंदरपुर वैश्य में अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया और अपहरण कर्ताओं द्वारा 3 लाख रुपए जेवरात सहित अन्य समान ले जाने का भी आरोप लगाया गया, वहीं इस मामले में थाना सिकंदरपुर वैश्य की चौकी कादरगंज पर तैनात आई ओ आविद कुरैशी द्वारा विवेचना शुरू कर दी गई , इस मामले में लड़की के पिता द्वारा उसके प्रेमी सहित 5 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया था, इसी बीच प्रेमी जोड़े ने प्रयागराज पहुंचकर आर्य समाज मंदिर में शादी रचाई और प्रेमिका द्वारा अपनी शादी रचाने के बाद सुरक्षा के लिए माननीय उच्च न्यायालय में एक पिटिशन फाइल की, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 9 जनवरी 2023 को प्रेमी जोड़े की सुरक्षा के लिए आरोप पत्र दाखिल करने तक किसी प्रकार की कार्यवाही रोकने का आदेश पारित कर दिया, वहीं जोड़ा विवेचक विवेचना में सहयोग करने के उद्देश्य से अपने अधिवक्ता मु अयाज – नरेद्र शर्मा द्वारा जनपद कासगंज के न्यायलय पहुंचा जहां उनके विद्वान अधिवक्ताओं द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट कासगंज के समक्ष माननीय उच्च न्यायालय का आदेश पेश कर प्रेमी जोड़े की सुरक्षा कराई, जहां विद्वान अधिवक्ताओं द्वारा प्रेमी जोड़े की विवेचना में सहयोग किया, जहां प्रेमी पत्नी ने अपनी स्वेच्छा से आईओ को प्रेमी साथ रहने के बयान दिया, जिसके बाद प्रेमिका द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष भी शील बंद लिफाफे में अपने बयान दर्ज कराए, तथा न्यायलय में की गई कार्यवाही के बीच प्रेमिका के पति की धड़कने बढ़ती देखी गईं , क्योंकि लड़की के परिजन भी न्यायलय पहुंचे हुए थे, जहां लड़की की सुपुर्दगी के समय लड़की के पिता द्वारा अपने अधिवक्ताओं द्वारा लड़की को नवालिग साबित कराने के लिए कक्षा 5 की मार्कशीट मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत कराई गई , इसी दौरान प्रेमी जोड़े की पैरवी कर रहे अधिवक्ता मु अयाज – नरेंद्र शर्मा ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बहस की और प्रेमी जोड़े के सही तथ्यों एवं माननीय उच्च न्यायलय के आदेश का हवाला दिया । जिसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट कासगंज द्वारा प्रेमिका को बालिग मानते हुए उसकी स्वेच्छा पर जहां चाहे वहां जाने का आदेश पारित कर दिया वहीं इस पूरी कार्रवाई की पूरे दिन न्यायालय परिसर में चर्चा रही वही सुपुर्दगी का आदेश आने के बाद प्रेमिका ने पति के साथ जाने स्वेच्छा जताई और न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए आदेश में गंतव्य तक मजिस्ट्रेट को छोड़ने का आदेश दिया गया वहीं आयुक्त द्वारा प्रेमी जोड़े को उनके गंतव्य तक छोड़ दिया गया ।