आगरा। कलाम कहे हैं जोकि आज भी गजल मैं गाए जाते हैं आपने तमाम बंद भी लिखें जिसे आज भी लोग गुनगुनाते हैं वही हजरत मेकाश अली शाह मेवा कटरा के प्रबंधक हजरत सय्यद फैज़ अली शाह ने कार्यक्रम मैं नजीर अकबराबादी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गंगा जमुनी तहसील की मिसाल अगर किसी ने कायम की है तो वह नजीर अकबराबादी है आपने अपना संपूर्ण जीवन इस तरह से बिताया कि जैसे एक सूफी बिताता है।
आपने हमेशा हिंदू मुस्लिम भाईचारे को चर जैदी आपने कभी किसी इंसान को वेद भाव की नजर से नहीं देखा जो भी आपके पास आता आप उससे खुलूस वाली मोहब्बत करते और उसकी बात को बड़ी ही गंभीरता से लेते थे कार्यक्रम में एक शाम नजीर के नाम से मुशायरे का भी आयोजन की किया गया जिसमें शायरों ने नजीर अकबराबादी पर बड़े ही उम्दा शेर कलाम पेश कर तालियां बटोरी शायरों में विशाल व्यास शाहिद नदीम दाऊद इकबाल आदि चारों ने कलाम पेश किए कार्यक्रम मैं मुख्य रूप से आरिफ तैमूरी आदिल निवासी भैया जावेद हुसैन सानी अयान जमाल साहब शादाब साहब आदि लोग शामिल थे।