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मंच पर मंत्री दानिश आजाद अंसारी से हुई अभद्रता की जितनी निंदा की जाए वह कम है : मोहम्मद आफाक

लखनऊ : लखनऊ में गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा द्वारा राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व युवा नेता दानिश आजाद अंसारी से हुए दुर्व्यवहार की राष्ट्रीय सामाजिक कार्यकर्ता संगठन के संयोजक मोहम्मद आफाक ने कड़े शब्दों में निंदा की है । उन्होंने कहा कि दानिश आजाद अंसारी एक युवा नेता है । भारतीय जनता पार्टी के आला पदाधिकारियों ने उनकी कार्यकुशलता और लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के रूप में प्रस्तुत किया । वह एक साफ छवि के नेता के रूप में भी जाने जाते हैं । राज्य के अल्पसंख्यक तबके में उनकी लोकप्रियता है । किसी भी दर्जा प्राप्त मंत्री के साथ इस तरह की अभद्रता और दुर्व्यवहार सरकार के प्रोटोकाल के खिलाफ है । दानिश आजाद अंसारी की शालीनता की भी प्रशंसा करनी चाहिए कि उन्होंने मंच पर पहले पहुंचने के बाद भी अपने सीनियर के कहने पर अपना स्थान छोड़ दिया । लेकिन इस तरह की घटना से आम जनता और खासकर अल्पसंख्यक समुदाय में विपरीत संदेश जाता है । सरकार को चाहिए कि इस मामले में संज्ञान लेते हुए इस घटना की निंदा करनी चाहिए साथ ही ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इस बात का भी ध्यान देना चाहिए । ज्ञात हो कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर विधानसभा लखनऊ के सामने आयोजित एक कार्यक्रम में मंच पर उस वक्त असमंजस की स्थिति हो गई जब पूर्व मंत्री एवं वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने मंत्री दानिश आजाद को दूसरी जगह बैठने के लिए इशारा किया । इस कार्यक्रम में सीएम योगी के अलावा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और अन्य मंत्री शामिल होने पहुंचे थे। इन मंत्रियों की लिस्ट में मंत्री दानिश अंसारी भी थे। एक तरफ से मंत्री दानिश अंसारी मंच पर चढ़े और दूसरी ओर से सीएम योगी। सीएम योगी के साथ पूर्व मंत्री मोहसिन रजा भी मंच पर पहुंच गए थे।
सीएम योगी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के बगल में कुर्सी पर जैसे ही मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बैठने का प्रयास किया तो पूर्व मंत्री मोहसिन रजा ने हाथ से हटाकर दूसरी कुर्सी पर बैठने का इशारा कर दिया और खुद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पास लगी कुर्सी पर बैठ गए। इस दौरान पूर्व मंत्री मोहसिन रजा की यह हरकत कैमरे में कैद हो गई जिसकी आलोचना चारों तरफ हो रही है ‌। साथ ही लोग मंत्री दानिश आजाद की शालीनता और सभ्यता की भी प्रशंसा कर रहे हैं ।