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हिंडनबर्ग रिपोर्ट : अडानी की टॉप 5 कंपनियों पर ₹2.1 लाख करोड़ का कर्ज, एसबीआई बोला- स्थिति पर हमारी नज़र

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह पर सवाल उठ रहे हैं। जिसके बाद अडानी समूह के कर्जदाताओं ने अडानी समूह को दिए 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के लोन का आकलन करना शुरू कर दिया है। बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने अडानी समूह पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।

भारतीय स्टेट बैंक के अनुसार अडानी समूह के लिए बैंक का एक्सपोजर आरबीआई के बड़े एक्सपोजर फ्रेमवर्क (एलईएफ) से काफी नीचे है और पर्याप्त टीआरए (ट्रस्ट और रिटेंशन अकाउंट) के साथ उसकी संपत्ति सुरक्षित है और इसलिए ऋण रिकवर करना चुनौती नहीं होगी।

एसबीआई के एक अधिकारी ने नाम न छपने की शर्त पर कहा, “हम इसे देख रहे हैं। हम बाजार के विकास से बहुत परिचित हैं। जब भी ऐसी घटनाएँ होती हैं जो हमारे जोखिम को प्रभावित कर सकती हैं, तो हमारे पास उस विशेष कंपनी के वर्तमान जोखिम का मूल्यांकन करने और कुछ उपचारात्मक उपाय करने के लिए एक प्रक्रिया होती है। हम निश्चित रूप से अपने जोखिम (अदानी समूह के लिए) को देखने जा रहे हैं और देखेंगे कि हम कितने सुरक्षित हैं और इसका किस तरह का प्रभाव हो सकता है। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।”

निवेश फर्म सीएलएसए की एक रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष पांच अडानी समूह की कंपनियों (अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर, अडानी ग्रीन और अडानी ट्रांसमिशन) पर 2.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। भारतीय बैंकों का ऋण अडानी ग्रुप के कुल ऋण से 40 प्रतिशत से कम है।

बता दें कि अडानी समूह ने रविवार को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगाएं गए आरोपों का जवाब 413 पन्नों में दिया। अडानी समूह ने अपनी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की तुलना ‘भारत पर सुनियोजित हमले’ से की। वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी अडानी पर पलटवार किया है। हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी समूह ने खुद को भारतीय ध्वज में लपेट लिया है और व्यवस्थित रूप से देश को लूट रहे हैं।