आगरा।सिकंदरा स्थित नहर वाली मस्जिद के खतीब व इमाम जुमा ने हाजी मुहम्मद इकबाल ने कहा कि क्या कोई ऐसी सूरत या ज़रिया है कि नमाज़ से हमेशा के लिए छुट्टी मिल जाए ? आज के जुमा के ख़ुत्बे में इस पर ही बात करेंगे।
जी हाँ! सोचिये कि न वुज़ू का चक्कर हो, न नमाज़ की फ़िक्र, न तहज्जुद में उठना, न इशा की लम्बी नमाज़, न जुमा का ख़ुत्बा, न ईद और न बक़रा ईद। बस आराम ही आराम हो। सहीह बुख़ारी की हदीस नम्बर 7498 में अल्लाह तआला ने फ़रमाया “जन्नत में मैंने अपने नेक बन्दों के लिये वो चीज़ें तैयार कर रखी हैं जिन्हें न आँखों ने देखा, न कानों ने सुना और न किसी इन्सान के दिल में उनका ख़याल गुज़रा।”
ये सब मुमकिन है। अगर इंसान इस दुनिया में अल्लाह को राज़ी कर ले तो आख़िरत में अल्लाह उसको ख़ुश कर देगा और वो हमेशा नौजवान ही रहेगा, कभी बुढ़ापा भी नहीं आएगा।
बस हमें अल्लाह को राज़ी करना है और मेरा रब वो है जो सबसे ज़्यादा इंसानों से मोहब्बत करने वाला है। बस हम इस छोटी सी दुनिया में अपने रब को राज़ी कर लें। आज हम सब स्मार्ट हैं, ख़ूब जानते हैं कि अल्लाह किस तरह राज़ी होता है और किस तरह नाराज़। बस हम उसकी नाराज़गी वाले कामों से अपने आप को बचा लें, रब राज़ी हो जाएगा और जब रब राज़ी होगा तो वो अपनी शान के मुताबिक़ इनाम से नवाज़ेगा।
और हमें जन्नतुल फ़िरदौस में जगह अलॉट हो जाएगी और जगह अलॉट होते ही सब वो इबादतें जो हम दुनिया मे करते थे सब उस वक़्त ख़त्म, मौत भी नहीं आएगी ये फ़िक्र हमेशा के लिए ख़त्म। इस वक़्त हम नहर वाली मस्जिद में हैं। यहाँ मस्जिद है लेकिन नहर नहीं, जन्नत में नहर होगी मस्जिद नहीं।
अल्लाह! हम सब अपने रब को राज़ी करने वाले बन जाएं। आमीन।