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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आय़ोग अ. भा. पसमांदा मुस्लिम मंच के साथ एमओयू साइन करेगा : प्रियंक कानूनगो

पसमांदा मुस्लिम बच्चों के हितों की रक्षा करने को आयोग को 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा : जावेद मलिक

नई दिल्ली । राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच के आग्रह पर पसमांदा मुस्लिम समाज के बच्चों के अधिकारों के संरक्षण पर चर्चा का आयोजन किया गया। चर्चा का आयोजन राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्यालय, नई दिल्ली में किया गया। पसमांदा मुस्लिम समाज के बच्चों के अधिकारों और उनके विकास में बाधा डाल रहे प्रमुख बिंदुओं पर आधारित इस महत्वपूर्ण चर्चा में उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य राज्य के पसमांदा मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष जावेद मलिक के नेतृत्व में हिस्सा लिया।
आयोग के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो ने चर्चा की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित प्रतिभागियों के समक्ष उन चुनौतियों को रखा जिससे मुस्लिम समाज के बच्चे अपने संवैधानिक और वैधानिक अधिकारों से वंचित हो रहे हैं और विकास की गति में पिछड़ गए हैं। उन्होंने मुस्लिम समाज के बच्चों की शिक्षा पर विशेष बल देते हुए कहा कि जब तक हम मुस्लिम समाज के बच्चों को धार्मिक शिक्षा के साथ बुनियादी शिक्षा से नहीं जोड़ते तब तक समुदाय के बच्चों का विकास संभव नहीं है। इस संबंध में आयोग प्रयास कर रहा है और इस दिशा में पसमांदा मुस्लिम समाज का सहयोग जरूरी है।
पसमांदा मुस्लिम समाज के बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने तथा उनतक विकास के अवसर पंहुचाने का आश्वासन देते हुए आयोग के अध्यक्ष ने अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की। इस एमओय़ू के माध्यम से पसमांदा मुस्लिम समुदाय के बच्चों के अधिकारों के रक्षण, शिकायत निवारण, अनाथ, दिव्यांग, एकल अभिभावक की संतान, मदद की आवश्यकता वाले, रोगग्रस्त, शाला त्यागी बच्चों को लाभ पंहुचाने तथा जागरूकता का ऐसा तंत्र विकसित किया जाएगा जिससे कि बच्चों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा सके और मुख्यधारा में लाया जा सके।
अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच के अध्यक्ष श्री जावेद मलिक ने पसमांदा मुस्लिम समाज की ओर से प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व किया और आयोग के समक्ष बाल श्रम से मुक्ति, नशा की समस्या का समाधान, EWS श्रेणी का लाभ समेत कई समस्याओं को रखा और आयोग का सहय़ोग मांगा। इसके साथ ही उनके द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि वह आयोग के द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों के लिए किए जा रहे प्रयासों में अपना पूर्ण समर्थन देंगे। इनके अतिरिक्त कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के सदस्यों तथा राज्यों के अन्य लोगों ने हिस्सा लिया और अपनी बात आयोग के समक्ष रखी।