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भारत साक्ष्य आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देकर पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है – श्री सर्बानंद सोनोवाल

पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और मजबूत हुई, केंद्रीय बजट में आयुष का आवंटन 20% बढ़ा: श्री सर्बानंद सोनोवाल

केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने यूनानी दिवस 2023 के अवसर पर यूनानी चिकित्सा पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया

सीसीआरयूएम द्वारा विकसित ‘यूनानी चिकित्सा में सामान्य उपचार’ पर एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया

नई दिल्ली: केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यूनानी दिवस 2023 के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने आयुष के क्षेत्र में साक्ष्य आधारित वैज्ञानिक अनुसंधान को मजबूत करने पर अधिक जोर दिया।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, आयुष मंत्रालय के विशेष सचिव श्री प्रमोद कुमार पाठक ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में डॉ. एम. ए. कासमी, संयुक्त सलाहकार (यूनानी), आयुष मंत्रालय, प्रो. असीम अली खान, महानिदेशक, सीसीआरयूएम और आयुष मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी सम्मिलित हुए।

इस अवसर पर केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने WHO GCTM की स्थापना की पहल की है। यह इस बात का संकेत है कि हम दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा में नेतृत्व की भूमिका निभा रहे हैं। हमें अपनी अनुसंधान क्षमताओं, शैक्षणिक सुविधाओं और साक्ष्य आधारित अनुसंधान को मजबूत करने की दिशा में काम करने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की परिकल्पना ‘समग्र रोगी देखभाल प्रणाली के लिए एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली विकसित करने की है। इसी क्रम में केंद्रीय बजट में आयुष मंत्रालय के बजट में 20% की वृद्धि की गई है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विगत 9 वर्ष में आयुष को बढ़ावा देने के लिए बहुत काम किए। शिक्षा व शोध के क्षेत्र में कई कदम उठाए। परिणामस्वरूप चाहे यूनानी चिकित्सा पद्धति हो या फिर आयुष से जुड़ी अन्य पद्धति, दुनिया में आज आयुष की अलग पहचान बन गई है।
हाल ही में, यूनानी चिकित्सा में सबसे बड़े संस्थान, गाजियाबाद में राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान का उद्घाटन भी हमारे प्रधानमंत्री जी द्वारा किया गया।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से आयुष से जुड़ी पद्धति की लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें अपनी शक्ति को दुनिया को दिखाने का मौका मिला है।

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने कहा, “यूनानी चिकित्सा पद्धति भारत की समृद्ध पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है। हमने देखा कि कैसे आयुष आधारित उपचारों ने COVID-19 महामारी के दौरान राहत प्रदान की। हमारी समृद्ध पारंपरिक औषधीय पद्धतियां हमें स्थायी स्वास्थ्य देखभाल समाधान प्रदान कर सकती हैं जो देश में मानव जीवन को समृद्ध बनाने में योगदान देगा।

आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने कहा कि यूनानी चिकित्सा पद्धति स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारियों को रोकने के लिए स्वस्थ भोजन की आदतों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान करती है।आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि आयुष प्रणालियों के लिए अधिक स्वीकृति प्राप्त करने में एनएबीएच क्यूसीआई गुणवत्ता प्रमाणन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि आयुष मंत्रालय का प्रयास इस 2023 के अंत तक 12,500 आयुष कल्याण केंद्र क्रियाशील करना व इन केंद्रों के लिए एनएबीएच प्रमाणन प्राप्त करना है।
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन यूनानी मेडिसिन (सीसीआरयूएम) के विभिन्न प्रकाशनों, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन स्मारिका, ऑनलाइन जर्नल का विमोचन किया गया। साथ ही दो सीसीआरयूएम संस्थानों को एनएबीएच सर्टिफिकेट दिया गया। सीसीआरयूएम द्वारा विकसित यूनानी चिकित्सा में सामान्य उपचार पर एक मोबाइल ऐप भी आज लॉन्च किया गया।

केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद भी हाइब्रिड मोड में यूनानी चिकित्सा पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रही है। सम्मेलन में लगभग 1300 प्रतिनिधि, शिक्षाविद, शोधकर्ता और उद्योग के प्रतिनिधि सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भाग ले रहे हैं।