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अंतरराष्ट्रीय रेडियो दिवस का विश्विद्यालय में आयोजन संपन्न

आगरा। अंतरराष्ट्रीय रेडियो दिवस के अवसर पर सामुदायिक रेडियो 90.4 आगरा की आवाज डॉ भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के स्टेशन में अंतर्राष्ट्रीय रेडियो दिवस आयोजन एक संगोष्ठी के रूप में संपन्न हुआ, जिसका विषय था रेडियो का महत्व- कल, आज और कल. आयोजन की अध्यक्षता करते हुए प्रति कुलपति प्रो अजय तनेजा ने कहा की रेडियो आज भी हम सबके लिए बेहद आवश्यक है क्योंकि रेडियो के साथ हमारी भावनाएं जुड़ी हुई हैं और रास्ते चलते भी रेडियो से हमें पूरी और सटीक सूचनाएं मिल जाती हैं वो भी मनोरंजन के साथ।


इस अवसर पर उन्होंने यूनिसेफ द्वारा निर्मित एक लगभग 2:15 मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म को भी रिलीज किया जिसे भारतवर्ष के लगभग पौने चार सौ सामुदायिक रेडियो स्टेशनों में से एक चुनकर विश्विद्यालय आगरा के इस स्टेशन “आगरा की आवाज़” की कार्यशैली की सरहाना करते हुए, उसके कोविड-19 में सामुदायिक रेडियो का महत्व और जन जागरूकता के लिए किए गए सेवा कार्यों को उल्लेख करते हुए यूनिसेफ ने बनाया है।


विशिष्ट अतिथि डीन एकादमिक प्रोफेसर संजीव शर्मा ने रेडियो के पुराने दिनों को याद किया जब चित्रहार , हवा महल और बिनाका गीतमाला का बेहद बेसब्री से इंतजार किया जाता था। नगर के वरिष्ठ साहित्यकार एवं रेडियो सहयोगी सुशील सरित ने रेडियो की दुनिया पर एक गजल पढ़ते हुए कहा
“डॉक्टर, वकील, मुंशी, सी ए भी बनके, उलझन सुलझाये हर किसी की यह, रेडियो की दुनिया”
“खेतों से लेकर मेट्रो, सबके लिए सहज है जैसे लहर नदी की, यह रेडियो की दुनिया”


रेडियो सिटी प्रोग्रामिंग डायरेक्टर विनय सक्सेना ने कहा कि आज रेडियो पर कार्यक्रमों का स्वरूप बदला है अब आदमी इंफॉर्मेशन और इंटरटेनमेंट दोनों चाहता है और रेडियो ने अपने आपको उसके अनुरूप ढाला है । रेडियो जॉकी राजीव ने कहा रेडियो ने कोविड-19 के समय यह सिद्ध कर दिया कि सबके लिए वही सकारात्मक संदेश ला सकते हैं। सामुदायिक रेडियो इंजीनियर तरुण श्रीवास्तव ने कहा की आगरा में चार प्राइवेट रेडियो है, एक आकाशवाणी है और दो सामुदायिक रेडियो हैं।

इन सब में हमारी अलग पहचान है, क्योंकि हमने समाज सेवा के लिए भी तमाम सारे प्रकल्प को अपनाया है और कार्य किया है ।रेडियो निदेशिका प्रोफ अर्चना सिंह ने बताया की कोविड-19 काल में कोविड वैक्सीनेशन की बूस्टर डोज के प्रचार प्रसार के साथ रेडियो टीम ने कैम्प भी लगवाए और साथ ही बच्चों का भी टीकाकरण करवाया जिसके लिए रेडियो की प्रोग्राम एग्जेक्युटिव पूजा सक्सेना को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से प्रशंसा पत्र भी मिला। सामुदायिक रेडियो की प्रोग्राम एग्जेक्युटिव पूजा सक्सेना ने कहा हमारा रेडियो सन 2010 में प्रोफ संजीव कुमार के सानिध्य में प्रारंभ हुआ था।

और लगभग 8 साल लगातार उनके मार्गदर्शन में तब से लेकर अब तक यह समाज, साहित्य और संस्कृति के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। साथ ही जागरूकता के लिए जितनी भी सरकारी योजनाएं आती हैं उनके प्रचार प्रसार में भी हमारे रेडियो ने बहुत कार्य किया है। लघु नाटकों एवं लोकगीतों के द्वारा लोगों को जागृत किया है और अभी भी स्वास्थ संबंधी कई रेडियो प्रोजेक्ट्स पर हम कार्य कर रहे हैं। आज के कार्यक्रम का सफल संयोजन किया इंजीनियर तरुण श्रीवास्तव ने और व्यवस्था की दीप और कविता ने। इस अवसर पर विशेष रुप से उपस्थित रहे लीगल एडवाइज श्री अरुण दीक्षित जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए और सामुदायिक रेडियो के कार्यों की प्रशंसा की। कार्यक्रम का संचालन पूजा सक्सेना ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रोफ अर्चना सिंह ने दिया।