लखनऊ।उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण को लेकर पिछड़ों की गिनती का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग इसको लेकर एकीकृत रिपोर्ट जल्द सौंप सकता है। सूत्रों की मानें तो सर्वे के बाद कई सीटों का आरक्षण बदलना तय माना जा रहा है। यह प्रक्रिया मार्च तक पूरी कर ली जाएगी और अप्रैल में निकाय चुनाव कराने की तैयारी है। यूपी में नवंबर-2022 में निकाय चुनाव प्रस्तावित था। वार्डों और सीटों के आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी कर दी गई थी, लेकिन आरक्षण में ओबीसी की भागीदारी को लेकर मामला फंस गया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि ट्रिपल टेस्ट के आधार पर सीटों का आरक्षण किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया आयोग के पास 31 मार्च तक रिपोर्ट देने का समय है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उसे अपना काम लगभग पूरा कर लिया है। आयोग द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद नगर विकास विभाग सीटों के आरक्षण का मिलान कराएगा।
यह माना जा रहा है कि नई रिपोर्ट के आधार पर कुछ सीटों के आरक्षण में बदलाव होगा। नगर विकास विभाग रिपोर्ट संबंधी सभी जानकारियों को सुप्रीम कोर्ट में देते हुए सीटों का आरक्षण करने और चुनाव कराने की अनुमति मांगेगा। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलते ही चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जिससे अप्रैल में चुनाव करा लिया जाए।