संवाद/विनोद मिश्रा
बांदा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें बुधवार को महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण किया । इस मौके पर कहा कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी बनेगी। महापुरुषों के आदर्शों को प्रेरणादायक बताया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप व महाराजा खेत सिंह खंगार जूदेव की प्रतिमा का बटन दबाकर अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने दोनों महापुरुषों के स्वदेश व स्वधर्म की रक्षा के लिए किए गए बलिदान पर चर्चा की। कहा कि महाराणा प्रताप ने 28 वर्ष की उम्र में मेवाड़ और चित्तौड़ की सत्ता संभाली।
तब यह दोनों राज्य मुगल शासक अकबर के कब्जे में थे। लेकिन उन्होंने अपने पराक्रम के बल पर कुछ ही वर्षों में दोनों को हासिल किया और सभी के लिए प्रेरणादायी बन गए। यहां स्थापित महाराणा प्रताप की प्रतिमा वर्तमान व भावी पीढ़ी के लिए प्रेरक होगी।सीएम के साथ कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी थे। जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। स्वागत के बाद उन्होंने बटन दबाकर महाराणा प्रताप की नवनिर्मित प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कहा कि बांदा जैसे बुंदेलखंड के जनपद में इतना भव्य आयोजन होगा और इतना भव्य चौराहा होगा कि कोई बोलेगा, किसी अजबनी को यहां लाकर खड़ा कर देंगे तो वह कहेगा कि लखनऊ और दिल्ली राजधानी जैसी सड़क व चौराहा है। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने यहां सड़क और चौराहों को भव्य रूप दिया है। यह शहर के प्रति हमारी आत्मतीयता को प्रदर्शित करता है। यही प्रेरणा महाराणा प्रताप ने हम सभी को दी। उन्होंने महाराणा प्रताप के व्यक्तिव औऱ कृतित्व पर प्रकाश डाला। कहा कि उस समय सबसे बड़ी ताकत कही जाने वाली अकबर को नाको चने चबाने को मजबूर कर दिया था।
स्वाभिमान क्या होता था उन्होंने बताया। स्वदेश व स्वराष्ट्र की बात होती है तो महाराणा प्रताप, छत्रपति, झांसी रानी लक्ष्मी बाई का नाम सम्मान के साथ लेते हैं। इन महापुरुषों ने अपने लिए नहीं, एक-एक क्षण अपनी मातृ भूमि के लिए समर्पित किया। महारानी लक्ष्मी बाई व महाराणा प्रताप का नाम कोई लेता है तो गौरव की अनुभूति होती है।