शिवाजी का सपना था स्वराज की स्थापना करना
शिवाजी अद्वितीय योद्धा होने के साथ साथ एक कुशल प्रशासक
आगरा। प्रभा पैरा मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज मदिया कटरा पर भारतीय कुर्मी महासभा आगरा की ओर से छत्रपति शिवाजी जयंती समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ आई पी एस बबिता साहू ,डॉ हरिश्चन्द्र पटेल,डॉ. बी के सिंह, प्रो वी के सिंह ने छत्रपति शिवाजी के चित्र के समक्ष दीप प्रवज्जलित कर किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ ए एस सचान और कार्यक्रम संयोजक जुग्गी लाल वर्मा,पीयूष कटियार, डॉ के के सिंह और पायल कटियार ने किया।
मुख्य अतिथि डॉ हरिश्चन्द्र पटेल प्रदेश अध्यक्ष भारतीय कुर्मी महासभा उत्तर प्रदेश ने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज की 393 वीं जयन्ती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप सम्मिलित होकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ साथ ही सभी से अपील करता हूँ कि आप अपनी एकजुटता के द्वारा समाज को जागरूक करें। भारतीय कुर्मी महासभा के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन 8 और 9 अप्रैल 2023 को बस्ती में आयोजित किया जा रहा है जिसमे आप सभी भारी संख्या में पहुँचकर कार्यक्रम को सफल बनायें।
विशिष्ट अतिथि डॉ बी के सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय कुर्मी महासभा उत्तर प्रदेश ने कहा कि शिवाजी का सपना स्वराज कि स्थापना करना था, असली स्वराज शिक्षा से शुरू होगा। समर्थवान लोग जरूरतमंद बच्चो को गोद ले और उन्हें शिक्षित करे।
जिलाध्यक्ष भारतीय कुर्मी महासभा व कार्यक्रम संयोजक जुग्गी लाल वर्मा ने बताया कि समारोह में छत्रपति शिवाजी पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य था कि लोगों को शिवाजी द्वारा स्वराज के लिए किये गए संघर्ष से परिचित कराया जा सके।
विशिष्ट अतिथि प्रो.वी के सिंह प्रदेश सचिव भारतीय कुर्मी महासभा उत्तर प्रदेश ने बताया कि शिवाजी अद्वितीय योद्धा होने के साथ एक कुशल प्रशासक थे। शिवाजी ने मुगल काल में मुगलों से लोहा लेते हुए महिलाओं और गोवंशो की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने धर्म रक्षा के लिए कभी हार नहीं मानी।
डॉ ज्योति सिंह मंडलाध्यक्ष महिला विंग भारतीय कुर्मी महासभा आगरा मण्डल ने कहा कि वास्तव में शिवाजी का सारा संघर्ष उस कट्टरता और उद्दंडता के विरुद्घ था, जिसे औरंगजेब जैसे शासकों और उसकी छत्रछाया में पलने वाले लोगों ने अपना रखा था। छत्रपति शिवाजी राष्ट्रीयता के जीवंत प्रतीक एवं परिचायक थे।
जिलामहासचिव भारतीय कुर्मी महासभा पीयूष कटियार ने बताया कि छत्रपति शिवाजी शौर्य और पराक्रम के प्रतिमूर्ति थे।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से डॉ कृष्ण कुमार सिंह,डॉ प्रवीण सिंह, डॉ. ज्योति सिंह, डॉ. रेनू वर्मा, अरेन्द्र सिंह, डॉ. प्रभात सिंह, डॉ. आदर्श सचान,के बी कटियार, भूपेंद्र प्रताप सिंह,विनोद कटियार, शारदा प्रताप सिंह, उषा वर्मा,जय प्रकाश वर्मा, मीनाक्षी वर्मा, ज्योति रानी, हर्ष वर्मा, अनिल कुमार, प्रतिभा वर्मा, विजेता वर्मा, कमलेन्द्र पल सिंह, हरिकेश वर्मा,डॉ योगेश सिंह,डॉ ज्ञानेंद्र सिंह, प्रभा सिंह, सरिता उत्तम बृजेश सिंह, देव प्रकाश वर्मा, उपेंद्र सिंह, चंद्रशेखर वर्मा, अक्षय सिंह, डॉ अमन सिंह, गौरव कटियार, डॉ विकास सचान,अभिषेक कटियार,निधि कटियार, राजीव कटियार, प्रताप सिंह, मनीष कुमार सिंह, दीपक पटेल,धर्मेन्द्र सिंह,सुमेर सिंह सहित सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित रहे।