संवाद/ विनोद मिश्रा
महाशिवरात्रि का पर्व जिले में श्रद्धा व उल्लास से मनाया गया। शिवालयों में सुबह से घंटा घड़ियालों की धुन व शिव के जयकारों से वातावरण गूंजता रहा। अति प्राचीन व पौराणिक बामदेश्वर मंदिर और कालिजर दुर्ग पर स्थित भगवान नीलकंठ के मंदिरों में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी। रुद्राभिषेक कर भक्तों ने भगवान शिव को फूल दूध बेलपत्र जौ धतूरा भांग आदि अर्पित किया और खुशहाली की कामना की। मंदिरों में मेले जैसा नजारा रहा। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
शहर के बामदेश्वर महादेव व कालिजर स्थित नीलकंठ मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ा। हजारों की संख्या में भक्तों ने दुग्धाभिषेक कर फूल, बेलपत्र चढ़ाया। भगवान शंकर से लौकिक व पारलौकिक सुखों की कामना की। कहीं रुद्राभिषेक के कार्यक्रम हुए तो कहीं ओम नम: शिवाय कीर्तन व भजन में श्रद्धालु डूबे दिखे। पहाड़ स्थित बामदेश्वर मंदिर में एक-एक करके ही श्रद्धालु अंदर जा पा रहे थे। माथा टेककर आशीर्वाद लेते रहे।
कालिजर स्थित नीलकंठेश्वर में कई जनपदों के श्रद्धालु पहुंचे। सुबह से देर शाम तक मंदिर में पूजा-अर्चना चलती रही। नारियल तोड़कर श्रद्धालु भगवान शंकर के सामने नतमस्तक हुये। यहां कालिंजर महोत्सव भी चल रहा है।इसके चलते यहां श्रधालुओं का सैलाब रहा। भजन-कीर्तन के साथ कालिजर में महाशिवरात्रि का मेला भी लगा।