संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। डीएम दीपा रंजन नें हर ब्लाक में किसानों को उन्नतिशील कृषि का ज्ञान देने के उपहार की ठानी हैं। कहा हैं कि हर ब्लाक में एक माडल कृषि फार्म तैयार किया जायें।उन्होंने शीघ्र तैयार होने वाली धान की प्रजातियां तैयार करने पर भी जोर दिया ताकि गेहूं की बुवाई में किसान विलंब होने से बचे। डीएम दीपा रंजन नें यह अहम निर्देश प्रधानमंत्री किसान सम्मान, फसल बीमा, कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित कार्यक्रमों, आत्मा योजनाओं एवं खाद, बीज एवं कृषि यंत्र वितरण, जीआई टैगिंग तथा कठिया गेहूं को ओडीओपी में शामिल कराने की समीक्षा बैठक में दिये।
डीएम नें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की समीक्षा में लैण्ड सीडिंग में अवशेष डाटा 42152 के सम्बन्ध में निर्देशित किया कि सभी तहसीलदारों एवं उप जिलाधिकारियों माह मार्च 2023 तक शतप्रतिशत लैण्ड सीडिंग करायें। खाद्य एवं रसद विभाग के डाटा से कृषि विभाग के डाटा की मैचिंग करायी जाये। आधार सीडिंग के सम्बन्ध में अवशेष डाटा के लाभार्थियों को अपने क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से पोस्ट आफिस में नया खाता खुलवाने हेतु कैम्प आयोजित कराकर एक सप्ताह के अन्दर पूर्ण करानें को कहा।
अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा में डीएम ने निर्देशित किया कि प्रत्येक विकासखण्ड में एक – एक प्रगतिशील कृषक के यहाॅ माडल फार्म तैयार करायें। इसमें उद्यान, पशुपालन, जल संरक्षण आदि के समेकित कार्यक्रम संचालित हों। इसका अवलोकन क्षेत्रीय कृषकों को कराकर उन्हें प्रेरित किया जाये। जनपद में गेहूं की सबसे कम उत्पादकता का कारण धान की विलम्ब से रोपाई बताई गई। डीएम नें कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष डा० श्याम सिंह को निर्देशित किया कि अल्प अवधि की धान की प्रजातियाँ विकसित की जायें, ताकि समय से गेहूँ की बुवाई हो एवं उत्पादकता बढायी जा सके।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारीवेद प्रकाश मौर्या , उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, अध्यक्ष केवीके, जिला उद्यान अधिकारी, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र, भूमि संरक्षण अधिकारी राष्ट्रीय जलागम तथा ज्येष्ठ विपणन निरीक्षक उपस्थित रहे।