मुंबई। शिवसेना से संबंधित घटनाक्रम के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चुनाव आयोग ने पिछले दिनों एक फैसला दिया था। यह एक उदाहरण है कि कैसे एक संस्था का दुरुपयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमने चुनाव आयोग का ऐसा फैसला कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि इस पार्टी को बनाने वाले बालासाहेब ठाकरे ने आखिरी दिनों में कहा था कि उद्धव ठाकरे को ही शिवसेना की जिम्मेदारी दी जाएगी। लेकिन इस पार्टी को बनाने वालों में से किसी और को शिवसेना और उसका चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया। यह राजनीतिक दलों पर बड़ा हमला है। उन्होंने साफ तौर पर मोदी सरकार पर देश के संस्थाओं पर कब्जा करने का भी आरोप लगा दिया।
शरद पवार ने कहा कि आज चुनाव आयोग और अन्य संस्थाएं वही फैसले ले रही हैं जो सत्ताधारी सरकार चाहती है। उन्होंने कहा कि आज देश में मोदी के नेतृत्व में काम कर रहे हैं। संगठन को लगता है कि सत्ता उनके हाथ में ही रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे, तब देश की संस्थाओं पर इस तरीके से हमला नहीं हुआ था। लेकिन नरेंद्र मोदी की हुकूमत में देश के संस्था पर हमला हुआ है। आज की हुकूमत दूसरे राजनीतिक दलों को काम करने नहीं देना चाहती हैं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के साथ अपनी लड़ाई का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ मेरी भी लड़ाई हुई थी, पार्टी और चुनाव चिन्ह को लेकर लेकिन उस समय चुनाव आयोग ने फैसला सही दिया था।
इससे पहले शरद पवार ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है तथा वह इसको लेकर चल रहे विवाद में नहीं पड़ेंगे। शुक्रवार को निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे धड़े को उसे आवंटित किये गये शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) नाम एवं चुनाव निशान ‘जलती मशाल’ को महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा उपचुनाव होने तक रखने की अनुमति दी। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल निर्वाचन आयोग के आदेश पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया है।
साभार – प्रभासाक्षी