नई दिल्ली:भारत का पहला और एकमात्र विश्वविद्यालय है जिसके माध्यम से उच्च शिक्षा को बड़ावा देने की पहल वर्ष 2022 से की गई है, यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करने का कार्यक्रम गत पिछले वर्ष आरंभ किया है।
इंडियन सेल्फ गवर्नमेंट डॉक्टरेट यूनिवर्सिटी ,एवम दिल्ली स्टेट गवर्नमेंट पैरामेडिकल काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में यूनिवर्सिटी उच्च शिक्षा को बड़ावा देने का कार्य कर रही है। यूनिवर्सिटी को नेशनल इंपोर्टेंस , अंडर पार्लियामेंट एक्ट 371 गोहाटी, आसाम भारत सरकार,अधिकृत सेल्फ आटोनोमस वर्किंग हॉनर्री प्रोफेशनल डॉक्टरेट यूनिवर्सिटी पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1882/1908 लागू है जिसके समक्ष यूनिवर्सिटी अपना कार्य कर रही हैं।
यूनिवर्सिटी चाउंसलर अंजू भंडारी (आई एस जी डी) ने बताया कि यूनिवर्सिटी उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए देश के अनुभवी एवं तजुर्बेकार वर्किंग प्रोफेशनल कर्मचारी एवं उद्योगपतियों के लिए मानक उपाधि प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि हमारी यूनिवर्सिटी के कार्यक्रमों में केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्य कुशलता कार्यक्रम से संबंधित और प्रभावित होकर योग्य व्यक्तियों को मानद उपाधि दी जाती है।उन्होंने कहा कि हमे खुशी है कि आज हम विभिन्न वर्गो में कार्य कर रहे शिक्षाविद,सामाजिक कार्य,मौलिक अधिकारों, शिक्षा की अलख जगाने, में अपना जीवन समर्पित कर रहे हैं उनको मानद उपाधि से विभूषित कर रहे हैं।, यूनिवर्सिटी चांसलर ने कहा कि शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती है।
उ जिसका मुख्यालय दिल्ली में है, जहा डॉक्टरेट जैसे प्रोग्राम को अपने साथ जोड़ कर हमने उत्साहवर्धन रिजल्ट हासिल किया है,वही हमारे डॉक्टरेट प्रोग्राम की सर्वोच्चता उत्कर्षता ने हमे सफलता के शिखर पर पहुंचाया है। अधिनियम 2022 लागू होने से शिक्षा के छेत्र में महत्वपूर्ण बंदलाव आयेगा, आज बेहतर शिक्षा के तहत देश के लाखो वर्किंग प्रोफेशनल एवं उद्योगपति उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे है। उन्होंने बताया कि जो अपनी पढ़ाई किसी भी कारण वश बीच में छोड़ देता है,उन्हे आगे चल कर बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, उन्हे।मानक डिग्रिया,प्रदान की गई