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अनुभव निधि आश्रम के वार्षिक उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बाँधा समां

बहुमूल्य अनुभवों की संपदा समाज को बाँटें सीनियर सिटीजन्स..

आगरा। वरिष्ठ नागरिकों और समाज के कल्याण हेतु समर्पित अनुभव निधि आश्रम का प्रथम वार्षिक उत्सव रविवार को उजरई स्थित आश्रम परिसर में समारोह पूर्वक मनाया गया। मुख्य अतिथि विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह और विशिष्ट अतिथि ब्लाक प्रमुख आशीष शर्मा ने संयुक्त रूप से भगवान कृष्ण की आरती उतार कर व युगल सरकार की तस्वीर के समक्ष दीप जलाकर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया। साईं धाम स्कूल बल्केश्वर की छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत नृत्य की प्रस्तुति से समां बांध दिया। जय श्री राधे फोक ग्रुप के कलाकारों ने रासलीला और फूलों की होली से चार चांद लगा दिए।


मुख्य अतिथि विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने बुजुर्गों के अनुभवों से समाज और राष्ट्र के निर्माण की इस अनूठी पहल की सराहना की।
आश्रम के अध्यक्ष चंद्रमोहन अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन दिया।
महामंत्री सीए जीपी अग्रवाल ने आश्रम के उद्देश्य और स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे बुजुर्ग घर में ही रहने और पूजे जाने चाहिए। लेकिन जिनके बच्चे विदेश में रह रहे हैं या जो किसी अन्य कारण से रिश्तों की भीड़ में अकेले हैं और जो समाज के लिए बोझ न बनकर समाज के लिए योगदान करना चाहते हैं, उनके लिए यह अनुभव निधि आश्रम बनाया गया है।


उन्होंने स्पष्ट किया कि इस आश्रम में रहने वाले लोग बुजुर्ग नहीं, सीनियर सिटीजन्स हैं। सीनियर सिटीजन वे होते हैं जो युवाओं के साथ तालमेल करके चलते हैं और अपने अनुभवों की संपदा उन्हें देकर समाज और देश का निर्माण करते हैं। उपाध्यक्ष एवं समारोह संयोजक मुरारी प्रसाद अग्रवाल (एकता बिल्डर्स) और कोषाध्यक्ष विनय सिंघल ने अतिथियों का स्वागत किया। समारोह के दौरान आश्रम में स्वाबलंबन प्रकल्प चलाने वाली अन्नपूर्णाओं के साथ-साथ सेवा भवन निर्माण में सहयोगी भामाशाहों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन संजय बंसल ने किया।


इस दौरान विजय खन्ना, प्रमोद सिंघल, सीए एसके अग्रवाल, राजवीर सिंह चंदेल, ताराचंद मित्तल, संतोष गुप्ता, योगेंद्र सिंघल, राकेश अग्रवाल, अशोक गोयल, विवेक मोहन अग्रवाल, एडवोकेट सोमनाथ बंसल, पायलट गीतिका गुप्ता, नीरजा सिंघल, मंजू सिंघल, माया मित्तल, विनीता अग्रवाल, कल्पना अग्रवाल, रीता जिंदल, सारिका अग्रवाल और राजेश अग्रवाल भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।