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मन के जज्बातों को “नारी एक अभिव्यक्ति” ने दिए शब्द

विद्या स्वरूप फाउंडेशन द्वारा “नारी एक अभिव्यक्ति” काव्य प्रतियोगिता संपन्न
तीन वर्गों में हुयी प्रतियोगिता, नीलम, पाखी और रुद्रा रघुवंशी को मिला प्रथम स्थान

आगरा। शब्द ब्रह्म कहे गए हैं। मन के जज्बातों को यदि शब्दों की एक माला में पिराे दिया जाए तो वो काव्य का रूप ले लेते हैं। नारी मन के विचारों को एक मंच प्रदान करते हुए विद्या स्वरूप फाउंडेशन ने “नारी एक अभिव्यक्ति” काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया।
मंगलवार, दिन 28 फरवरी 2023 को कमला नगर स्थित विद्या स्वरूप फाउंडेशन स्कूल में “नारी एक अभिव्यक्ति” प्रतियोगिता संपन्न हुयी। 15 से 25, 26 से 35 और 36 से 60 वर्ष तक के तीन वर्गों में प्रतियोगिता हुयी। छह वर्ष की अविका ने नारी सशक्तिकरण पर अपने विचार रखे। 14 वर्ष की रुद्रा रघुवंशी ने जब नारी एक दर्पण है, कविता का पाठ किया तो जैसे उपस्थित हर नारी का मन छू गया। संस्थापिका मोनिका अग्रवाल ने कहा कि मन के तहों में छुपे जज्बातों को मंच प्रदान करने का प्रयास संस्था द्वारा किया गया है। निर्णायक कवियत्री नेहा अग्रवाल और समाज सेविका सीमा गोयल ने विजयी प्रतिभागियों का चयन किया। प्रथम वर्ग में अविका- कियारा द्वितीय और रुद्रा रघुवंशी प्रथम रहीं। द्वितीय वर्ग में छवि गुप्ता द्वितीय और पाखी गर्ग प्रथम रहीं। वहीं तीसरे वर्ग में पूनम लाहौटी द्वितीय और नीलम रानी गुप्ता प्रथम स्थान पर रहीं।
कार्यक्रम में संगीता अग्रवाल ने सरस्वती वंदना को स्वर दिए। नीलम अग्रवाल, अंशु अग्रवाल, कामिनी जैन, सुरभि अग्रवाल, अर्चना अग्रवाल, अंजू दियालानी, डॉ मनिंदर कौर अतिथि थीं। व्यवस्थाएं स्नेहा गर्ग, पिंकी कर्दम, सीमा, प्रियंका गर्ग, गरिमा सिंघल आदि ने संभालीं।

इनकी पंक्तियों ने बटोरी तालियां
सम्पूर्ण व्यक्तित्व की स्वामिनी होती है…पूनम लाहौटी, विधाता की रचना मैं भी और तुम भी हो…श्वेता सारस्वत, मैं आज की युग की नारी हूं…रितु अग्रवाल, कभी अवसर बदल जाते हैं..छवि गुप्ता, हां यही तो सब कुछ है…छवि सिंघल, याद रख कि निर्बलता तो मात्र विचारों की है कल्पना…निधि सहगल, नारी नहीं है अब अबला….पारुल गर्ग आदि की पंक्तियों ने कार्यक्रम में तालियां बटोरीं।