आगरा। हज़रत बाबा गाजी शाह रहमतुल्लाह आलेह का जश्ने उर्स मुबारक पुरानी मंडी स्थित ताजगंज स्थित उनके मज़ार पर मनाया गया।
दरगाह के सज्जादा नशीन हाजी अफजाल अहमद ने बताया कि उर्स पहले दिन बाद नमाज़ अस्र बाबा के मजार पर चादर पोशी इत्र कोशी गुलपोशी तथा फातिहा हुई , वही बाद नमाज ईशा महफिल ए मिलाद शरीफ का आयोजन देर रात्रि तक चला. उर्स के दूसरे दिन कुल शरीफ की फातिहा के साथ रंग की महफिल का आयोजन हुआ बाद नमाज मगरिब कुल की रस्म अदा की गई।
दरगाह के सज्जादा मशीन हाजी अफजाल अहमद ने कहा कि बुजुर्गों के दरबार में आने से तकदीरे बदल भी जाती हैं क्योंकि यह बुजुर्ग अल्लाह के दोस्त होते हैं इन बुजुर्गों ने अपनी पूरी जिंदगी राय अल्लाह में फना कर दी इसलिए अल्लाह तबारक ताला इनसे राजी हुआ है और इन बुजुर्गों ने अल्लाह को अपने लिए राजी किया है जो भी इनके दर पर अपनी दिली मुराद लेकर आता है वह कभी खाली हाथ नहीं जाता आज हमको भी इन बुजुर्गों की तरह अल्लाह के महबूब हजरत मोहम्मद साहब वह अल्लाह तबारक ताला से मोहब्बत रखनी चाहिए जिससे कि हम सभी की दुनिया वाह आखिरत सबर सके।
उर्स इन्तिज़ामिया में खास तौर पर हाजी अकील, हाफिज आसिफ , इरफान भाई, अंसार भाई, राम मोहन साहिल आदि लोग थे