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शब ए बारात की गुनाहों से आज़ाद होने की रात है – सैय्यद फ़ैज़ अली शाह

आगरा। ख़ानक़ाह आलिया हज़रत मैकश मेवा कटरा से सैय्यद फ़ैज़ अली शाह ने शब ए बारात पर पर्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शब ए बारात की रात को अल्लाह तबारक ताला सातवें आसमान से उतर कर पहले आसमान पर आ जाता है, इस रात में जो भी बंदा इबादत करता है उसके लिए अल्लाह तबारक ताला उसके सारे गुनाह माफ़ फरमा देता है।
सैय्यद फ़ैज़ अली शाह ने कहा कि इस रात में जो लोग दुनिया से रुखसत हो चुके हैं उनके लिए इस रात में दुआ ए मगफिरत करना चाहिए तथा सुबह फज्र की नमाज के बाद कब्रिस्तान जाना चाहिए, दूसरे दिन का रोजा भी रखा जाता है जिसको भी नफिल रोजा कहा जाता है शबे बरात के लगभग 15 दिन के बाद माहे रमजान उल मुबारक का महीना शुरू होता है जिसके लिए इस रोजा का महत्व और बढ़ जाता है  .
सैय्यद फैज़ अली शाह ने कहा कि इस बार शबे बारात और होली का पर्व एक साथ है सभी लोगों से गुजारिश है कि आप अपने अपने क्षेत्रों की मस्जिदों में इबादत करें रोड पर ना जाए जिससे कि किसी को आपसे कोई तकलीफ पहुंचे क्योंकि इस्लाम धर्म मैं कभी यह नहीं आया कि इस्लाम को मानने वाला किसी और धर्म के व्यक्ति का दिल दुखाए इसलिए शबे बारात की रात आप सभी लोग अपने अपने क्षेत्रों की मस्जिदों में इबादत करें।