शाही इमाम पंजाब द्वारा 13 हाफिज-ए-कुरआन बच्चों की दस्तारबंदी की गई
लुधियाना, : हर साल की तरह इस साल भी इस्लामी महीने शाबान की पवित्र रात शब-ए-बरात के अवसर पर फील्ड गंज चौक स्थित लुधियाना की ऐतिहासिक जामा मस्जिद सहित शहर भर की सभी मस्जिदों में रात भर लाखों मुसलमानों ने नमाज अदा की और शहर के कब्रिस्तानों में जाकर अपने प्यारों की क़ब्रों पर फातिहा पढ़ी। इस अवसर पर जामा मस्जिद के समीप शाहपुर रोड पर हुए मुख्य समारोह की अध्यक्षता करते हुए पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने मदरसा जामिया हबीबिया दारुल उलूम लुधियाना में पढ़ कर कुरआन शरीफ हिफज (जुबानी याद) करने वाले 13 विद्यार्थियों की दस्तारबंदी की। वर्णनयोग है कि जो बच्चे पूरा कुरआन शरीफ जुबानी याद कर लेते हैं उनको हाफिज की डिग्री दी जाती है जो कि मुस्लिम समाज में बड़ी सम्मानित पदवी है।
इस अवसर पर संबोधन करते हुए शाही इमाम पंजाब मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने कहा कि आज की रात अपने रब से माफी के साथ नेकी का पक्का इरादा करने की जरूरत है। शाही इमाम ने कहा कि अच्छा इंसान वही है जो अपने मां-बाप, अपनी पत्नी-बच्चों और पड़ोसियों के साथ मुहब्बत करता है अगर वो इन करीबी रिश्तों को छोड़ कर दुनिया में अच्छा बना फिरता है तो यह दिखावा है जो कि खुदा को पसंद नही है। शाही इमाम ने कहा कि अगर आप धर्म को आधार बना कर नफरत करते हो तो यह धर्म नही असली धर्मी वही है जो सब के साथ मुहब्बत करता हो। शाही इमाम ने कुरआन याद करने वाले बच्चों की सराहना करते हुए कहा कि खुश किस्मत है वो मां बाप जिनके बच्चे हाफिज-ए-कुरान बनते है। शाही इमाम ने कहा कि लुधियाना में यह मदरसा मरहूम पूर्व शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने स्थापित किया था, आज इस मदरसे के पढ़े बच्चे प्रदेश भर की बहुत सारी मस्जिदों में नमाज अदा करवा रहे है। इस अवसर पर पंजाब और देश की तरक्की और आपसी भाईचारे के लिए विशेष दुआ भी करवाई गई।