देश विदेश

के.यू.चि.अ.प. ने श्रीनगर में रेजिमेनल थेरेपी पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया

नई दिल्ली/श्रीनगर: केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (के.यू.चि.अ.प.), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने संस्थान क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (क्षे.यू.चि.अ.सं.), श्रीनगर के माध्यम से “सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण में रेजिमेनल थेरेपी (इलाज बि’ल-तदबीर) की भूमिका” के विषय पर  ‘इलाज बिल-तदबीर (रेजिमेनल थेरेपी)’ में उत्कृष्टता केंद्र परियोजना के तहत कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर में एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रो. अफशार आलम, कुलपति, जामिया हमदर्द, नई दिल्ली थे। प्रो. नीलोफर ख़ान, कुलपति, कश्मीर विश्वविद्यालय, जम्मू-कश्मीर, प्रो. अकबर मसूद, कुलपति, बाबा गुलाम शाह बादशाह विश्वविद्यालय, राजौरी, जम्मू-कश्मीर, प्रो. क़्य्युम हुसैन, कुलपति, क्लस्टर विश्वविद्यालय, श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर, प्रो. शकील अहमद रोमशू, कुलपति, इस्लामिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आईयूएसटी), अवंतीपोरा, जम्मू-कश्मीर, डॉ. अब्दुल कबीर डार, सचिव, तकनीकी प्रशासनिक सुधार निरीक्षण एवं प्रशिक्षण विभाग, जम्मू-कश्मीर और  प्रो. आसिम अली ख़ान, महानिदेशक, के.यू.चि.अ.प. ने भी इस अवसर पर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।

उन्होंने यूनानी चिकित्सा के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के विकास में इलाज बि’ल-तदबीर के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इलाज बि’ल-तदबीर के उत्कृष्ट केंद्र के लिए सम्मानित किए जाने पर क्षे.यू.चि.अ.सं., श्रीनगर को बधाई दी।

इस अवसर पर प्रो. शकील अहमद रोमशू और प्रो. आसिम अली ख़ान द्वारा सहयोगी अनुसंधान अध्ययन के लिए के.यू.चि.अ.प. और आईयूएसटी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर के.यू.चि.अ.प. द्वारा प्रकाशित ‘यूनानी चिकित्सा में हालिया शोध – 2018-2022 के दौरान प्रकाशित सार का संग्रह’ और उत्कृष्ट केंद्र के कार्यों पर आधारित एक मोनोग्राफ भी जारी किया गया।

सम्मेलन का उद्देश्य इलाज बिल-तदबीर के क्षेत्र में शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और छात्रों को प्रशिक्षित और जागरूक करना था।

सम्मेलन में सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण में इलाज बिल-तदबीर की भूमिका पर विचार-विमर्श किया गया और इस में कहा गया कि इलाज बिल-तदबीर के उत्कृष्ट केंद्र से जम्मू-कश्मीर में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

डॉ. सीमा अकबर, सहायक निदेशक प्रभारी, क्षे.यू.चि.अ.सं., श्रीनगर के साथ अन्य अधिकारियों ने सम्मेलन का समन्वय किया।