अन्य

किसानों की आय बढाना, कृषि निर्यात नीति का उद्देश्य तथा जी.आई. टैग वाले कृषि उत्पादों के लाभ एवं महत्व और भी बहुत कुछ जानने के लिए करें क्लिक

आगरा।आयुक्त सभागार में कृषि निर्यात नीति-2019 पर कार्यशाला आयोजित की गई। सर्वप्रथम कृषकों एवं एफ0पी0ओ0 द्वारा लगाये गये विभिन्न उत्पादों के स्टॉलों का अवलोकन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्जवलन कर किया गया। कृषि निर्यात नीति वर्ष 2019 के विषय यथा क्लस्टर गठन, निर्यात प्रोत्साहन जी0आई0 टैग वाले कृषि उत्पादों के लाभ एवं महत्व आदि के सम्बंध में डा0 दिनेश चन्द्र, सहायक कृषि विपणन अधिकारी, आगरा मण्डल आगरा द्वारा विस्तार से उपस्थित सदस्यों एवं प्रतिभाग करने वाले आगन्तुकों को बताया।


डा0 दिनेश चन्द्र, सहायक कृषि विपणन अधिकारी आगरा मण्डल आगरा द्वारा बताया गया कि नीति में संशोधन कर क्लस्टर के लिये प्रत्येक 50 है0 क्षेत्रफल के लिये पूरे विकास खण्ड को इकाई मान लिया गया है। क्लस्टर क्षेत्र 50 से 100 हेक्टेयर पर क्लस्टर निर्माण पंजीकरण और निर्यात दायित्व पूर्ण होने पर रू0 10,00000-00 (दस लाख), क्लस्टर क्षेत्र 100 से 150 हेक्टेयर पर 16,00,000-00 (सोलह लाख), क्लस्टर क्षेत्र 150 से 200 हेक्टेयर पर 22,00,000-00 (बाइस लाख) उक्त प्रकार से 50 हेक्टेयर की वृद्वि पर रू0 6,00,000-00 (छह लाख) की धनराशि की बढोत्तरी अनुमन्य होगी।

क्लस्टर में कुल उत्पादन का 30 प्रतिशत निर्यात करने पर निर्यात दायित्व सिद्ध माना जायेगा। प्रथम वर्ष में 40 प्रतिशत उसके बाद 15 प्रतिशत आगामी 04 वर्ष तक निर्यात होने पर दिया जायेगा।
परिवहन सब्सिडी हेतु वायु मार्ग एवं जल मार्ग से निर्यात करने पर 10 रूपये प्रति किलोग्राम या किराया भाडे का 25 प्रतिशत या जो कम हो और अधिकतम 10 लाख रूपया प्रति निर्यातक/फर्म प्रत्येक वर्ष देय होगा। और रेल/सडक मार्ग से निर्यात करने पर 5 रूपये प्रति किलोग्राम या किराया भाडे का 25 प्रतिशत या जो कम हो और अधिकतम 10 लाख रूपया प्रति निर्यातक/फर्म प्रत्येक वर्ष देय होगा।


सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम या किसी अन्य अधिनियम के तहत गठित किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (थ्च्व्ध्थ्च्ब्े) या किसान उत्पादक समूहों से प्रत्यक्ष खरीद के लिए मंडी शुल्क व प्रयोक्ता प्रभार और विकास सेस से छूट दी जाएगी। ट्रेडर/ब्रोकर के माध्यम से खरीदनें पर मण्डी शुल्क व प्रयोक्ता प्रभार की शत प्रतिशत छूट दी जाएगी, लेकिन विकास सेस देय होगा। निर्यात दायित्व को सिद्ध करने के बाद, मंडी शुल्क व प्रयोक्ता प्रभार और विकास सेस की छूट प्रदान की जाएगी, जो सामान्यतः 05 वर्षों तक देय है।

डा0 दिनेश चन्द्र, सहायक कृषि विपणन अधिकारी, आगरा मण्डल आगरा सदस्य सचिव मण्डल स्तरीय कृषि निर्यात नीति निगरानी समिति, आगरा द्वारा द्वारा बताया गया कि नोडल एजेंसी क्लस्टर में उत्पादित कृषि उत्पाद के प्रसंस्करण हेतु स्थापित की गयी प्रसंस्करण इकाई/पैक हाउस/शीतगृह/ राइपेनिंग चैम्बर आदि को निर्यात की स्थिति में निर्यात प्रोत्साहन प्रदान करेगी। यह प्रोत्साहन निर्यात के टर्न ओवर के 10 प्रतिशत अथवा 25 लाख, जो भी कम हो, निर्यात प्रारम्भ करने के वर्ष से 5 वर्षो तक दिया जायेगा। निजी क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था की गयी है।


कृषि निर्यात और पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन एवं प्रोद्योगिकी में डिग्री, डिप्लोमा सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए उत्तर प्रदेश में स्थित विश्वविद्यालयों व सरकारी संस्थानों में वार्षिक फीस का 50 प्रतिशत या रूपया 50,000-00 (पचास हजार) प्रति छात्र की अधिकतम सीमा के अन्तर्गत प्रदान किया जायेगा, 15 महीनों से अधिक की अवधि के पाठ्यक्रमों हेतु फीस के लिए रू0 1,00,000-00 (एक लाख) दिया जायेगा। इस प्रकार के उच्च शिक्षा कार्यक्रम प्रारम्भ करने वाले राजकीय संस्थानों को एकमुश्त रू0 50,00,000-00 (पचास लाख) अनुदान दिया जायेगा।

आगरा मण्डल में चिन्हित क्लस्टर की अद्यतन सूची
क्र0सं0 उत्पाद जनपद
1 केला मैनपुरी
2 आलू आगरा, मैनपुरी, मथुरा, फिरोजाबाद
3 ताजी सब्जियां फिराजाबाद, मैनपुरी, आगरा
4 बासमती चावल आगरा
5 लहसून फिरोजाबाद, मैनपुरी
6 जैविक उत्पाद न्च्ैव्ब्। की लिस्ट के अनुसार
7 पशु उत्पाद मथुरा
8 ळ प् प्रोडक्ट बासमती चावल (पश्चिमी उ0प्र0 के 23 जिले)
9 आँवला मथुरा
10 प्रंसस्कृत उत्पाद आगरा, मथुरा


डा0 दिनेश चन्द्र, सहायक कृषि विपणन अधिकारी आगरा मण्डल आगरा द्वारा प्रस्तुति के दौरान यह भी बताया गया कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022-23 में कुल निर्यात 1130868.77 मैट्रिक टन हुआ, जिसकी कुल कीमत रू0 14100.47 करोड़ है। अलीगढ़ से चिकोरी का निर्यात 1561.95 मैट्रिक टन यूक्रेन, रशिया, मलेशिया, इण्डोनेशिया, रोमानिया आदि देशों में किया गया। मथुरा से तिल का निर्यात 294 मैट्रिक टन ईराक, सरबिया लेबनान आदि देशों में किया गया। अलीगढ से मांस का निर्यात 28221.277 मैट्रिक टन यू0ए0ई0, मलेशिया, ईराक, ईरान, इण्डोनेशिया, बंगलादेश आदि देशों में किया गया। आगरा से ग्रीन इक्जिम फर्म द्वारा 55660.525 मैट्रिक टन (निर्यातित मात्रा का मूल्य 167.19 करोड़) चावल एवं प्रसंस्कृत उत्पाद जैसे-आटा, मैदा, सूजी आदि का निर्यात सोमालिया, यू0ए0ई0, जिबूती आदि देशों में किया गया।


डा0 दिनेश चन्द्र, सहायक कृषि विपणन अधिकारी आगरा द्वारा प्रस्तुति के दौरान यह भी बताया गया कि जीआई टैग किसी क्षेत्र में पाए जाने वाले कृषि उत्पाद को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। जीआई टैग के द्वारा कृषि उत्पादों के अनाधिकृत प्रयोग पर अंकुश लगाया जाता है। यह किसी भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित होने वाले कृषि उत्पादों का महत्व बढ़ा देता है। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में जीआई टैग को एक ट्रेडमार्क के रूप में देखा जाता है। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है साथ ही स्थानीय आमदनी भी बढ़ती है तथा विशिष्ट कृषि उत्पादों को पहचान कर उनका भारत के साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में निर्यात और प्रचार प्रसार करने में आसानी होती है।


एपीडा प्रतिनिधि सुभम राय द्वारा कृषि निर्यात की प्रक्रिया, केन्द्र सरकार द्वारा कृषि उत्पादों के निर्यात पर प्रोत्साहन, अवसंरचना, मार्केट विकास, प्रोसेसिंग इकाई स्थापना/ आधुनिकीकरण के सम्बंध में ऑनलाइन जुड़कर जानकारी दी।
डा0 आर0 के0 एस0 चौहान के0वी0के0, आगरा द्वारा अच्छी कृषि पद्वतियॉ (ळ।च्) एवं गुणवत्ता के मानक के सम्बंध में जानकारी दी गयी। धर्मेन्द्र कुमारटर्मिनल मैनेजर आई0सी0डी0 आगरा द्वारा कृषि निर्यात प्रक्रिया में परिवहन साधनों, आई0सी0डी0 की कार्यप्रणाली, (स्वहपेजपब च्तवबमकनतम) एवं कस्टम क्लीयरेंस की प्रक्रिया के बारे में उपस्थित सदस्यों को बताया।

नीरज कुमार उप निदेशक उद्यान आगरा मण्डल आगरा द्वारा किसानों एवं एफ0पी0ओ0 की आलू भण्डारण, बीज उत्पादन सम्बंधित समस्याओं को सुना एवं समाधान किया। निर्यातक प्रकाश ओम ग्रीन एक्जिम इण्डिया आगरा ने किसानों एफ0पी0ओ0 को निर्यातकों को निर्यात में आने वाली समस्याओं/वर्ती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया गया, प्रसंस्करण, शार्टिग, ग्रेडिंग करते हुए अपने उत्पाद की गुणवत्ता कैसे नियन्त्रित करें के बारे में बताया। अन्तर्राष्ट्रीय विलेख वर्ष की चर्चा करते हुए बताया कि आगामी वर्षो में गेहूॅ के स्थान पर ज्वार, बाजरा उत्पाद विश्व बाजार में लोकप्रियता पायेगी। देश का 41 प्रतिशत बाजरा उत्तर प्रदेश में होता है।

जे0 सी0 शर्मा चेयरमैन, फूडटैक कन्सल्टस इण्डिया प्रा0लि0, आगरा द्वारा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात की सम्भावनाऐं के सम्बंध में जानकारी दी गयी। ऋषि गुप्ता सदस्य कृषक समृद्वि आयोग उ0प्र0 सरकार ने किसान हितैषी सरकार की नीतियों के बारे में अवगत कराया। अन्त में संयुक्त विकास आयुक्त आगरा मण्डल आगरा ने आयुक्त को धन्यवाद देते हुए समस्त आगुन्तकों का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कार्यशाला का समापन किया।

इस अवसर पर संयुक्त विकास आयुक्त शशिमौलि मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी मैनपुरी श्री विनोद कुमार, के0वी0के0 आगरा डा0 आर0के0एस0 चौहान एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग के अन्य सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।