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हजरत सैय्यद मुहम्मद रज़ा शाह और मुख्तार हुसैन शाह रहमतुल्लाहअलैह का सालाना जश्ने उर्स मुबारक़

बुजुर्गो के जश्न ए उर्स में रूहानियत और नूरानियत की बारिश में सभी हाजिर अपने दामनो को मुरादो से भरते हैं- पीरजादा विजय कुमार जैन

संडीला / आगरा : दरगाह मखदूम पाक में स्थित दरगाह हजरत सय्यद मुहम्मद रज़ा शाह और हजरत सय्यद मुख्तार हुसैन शाह रहमतुल्लाह अलैह का जश्ने उर्स बुजुर्गों की समस्त रस्म ओ रिवाज के साथ शुरू हुआ । जश्ने उर्स में आगरा से मुरीदों का एक जत्था सज्जादानशीन पीरजादा विजय कुमार जैन के साथ संडीला शरीफ पहुंचा । उर्स शरीफ में कव्वाली की रूहानी महफिल का आगाज बुजुर्गो के कलाम से हुआ । कव्वाल ने बुजुर्गों के कलाम से समा बांध दिया जिसमे हर कोई कलाम सुनकर झूम उठा। इस मौके पर दरगाह आले पंजतनी पीर अलहाज रमज़ान अली शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैह के सज्जादानशीन ज़ैनुल आब्दीन उर्फ़ पीरजादा विजय कुमार जैन ने कहा कि बुजुर्गो के जश्न ए उर्स में रूहानियत और नूरानियत की बारिश में सभी हाजिर अपने दामनो को मुरादों से भरते हैं। बुजुर्गो के उर्स में सभी धर्मो के लोग हाजिर होकर एकता और मुहब्बत का पैगाम देते हैं । बुजुर्गों का संदेश रहा है कि सब धर्मों का हो सम्मान , मानव मानव एक समान । बुजुर्गो के इस संदेश की आज देश को सख्त जरूरत है । हम लोग बुजुर्गों के इस पैगाम के जरिए लोगो में आपसी भाईचारे को कायम कर सकते हैं । जब सभी मुहब्बत से एक दूसरे का सम्मान करेंगे तो वह दिन दूर नही की हर तरफ खुशहाली का माहौल बनेगा और हमारा भारत देश उन्नति के उच्च शिखर तक पहुंच जाएगा । उर्स में लंगर का भी आयोजन किया गया जिसमें सभी को लंगर तकसीम किया गया ।
जश्न ए उर्स में नूरुल हसन चिश्ती साबरी निजामी, एहसान रज़ा, राजा भाई, राजू भाई, जावेद भाई, फैसल भाई, , खलीफा परवेज साबरी मुजफ्फरी, खलीफा रमज़ान खान साबरी, इरफान साबरी, खलीफा कल्लू साबरी, उमेश चंदेल साबरी, रूपसिंह साबरी, सत्तार साबरी, अरबाज खान, अफजल खान, राजेंद्र बघेल साबरी, सय्यो भाई, गफ्फार साबरी, सतीश कुमार, वहीद भाई, गायत्री साबरी, गुड़िया साबरी, साबिया साबरी , शिवानी साबरी, नाज़ , जहीरा बेगम, रेनू बंसल आदि ने बहुतायत में शिरकत करके अपने दामन को मुरादों से भरा ।