आगरा। पूर्वोदय बुद्ध विहार चक्कीपाट आगरा का 68वां स्थापना दिवस बड़ी सादगी व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मंत्री डा. रामबाबू हरित ने अपने सम्बोधन में कहा कि बुद्ध विहार चक्कीपाट एक वैश्विक धरोहर है, भारत ही नहीं वरन् आगरा में बौद्ध संस्कृति के पुनरूत्थान में डॉ. आंबेडकर के योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। समिति के अध्यक्ष करतार सिंह भारतीय ने बताया कि बुद्ध विहार चक्कीपाट पर 18 मार्च वर्ष 1956 को बाबा साहब डॉ. आंबेडकर ने अपनी बौद्ध धम्म दीक्षा से पूर्व यहां बुद्ध की प्रतिमा स्थापित की थी। बाबा साहब की मूर्ति स्थापना के बाद इस बुद्ध विहार के विकास में आगरा वासियों ने अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया है।
स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय बौद्ध महासभा द्वारा दो दिवसीय बौद्ध अधिवेशन का आयोजन किया गया। अधिवेशन में भाग लेने एवं सीपना दिसव को भव्य बनाने हेतु देश के 25 प्रातों से लगभग 2000 बौद्ध एवं आंबेडकर अनुयायी अपने परिवार सहित सम्मिलित हुये। स्थापना दिवस पर एक विशाल धम्म शोभा यात्रा पूर्वोदय बुद्ध विहार चक्कीपाट से आरम्भ होकर औलिया, छीपीटोला, आरटीओ कम्पाउन्ड, चक्कीपाठ बाजार आंबेडकर पार्क होते हुए पुनः पूर्वोदय बुद्ध विहार चक्कीपाट पर समाप्त हुई। इस शोभा यात्रा में सभी लोग धम्म सेवक संघ की वेश-भूषा में थे। शोभा यात्रा में सिद्धार्थ उ.म. विद्यालय के करीब 300 छात्र-छात्राएं 200 महिलाएँ आदि ने भाग लिया। शोभा यात्रा का मार्ग में जगह-जगह पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया।
भदन्त आनन्द महाथेरा ने कहा कि डॉ० अम्बेडकर के दलितों के प्रति त्याग को नहीं भूलना चाहिए उनकी 22 प्रतिज्ञाएँ व्यक्ति को बौद्ध एवं आदर्श बनाने में सहायक हैं तथा उनके तीन मूल मंत्रों को (शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो) दलित सदैव अपना हथियार बनाये तो उसका उद्धार सम्भव है। राष्ट्रीय बौद्ध महासभा के अध्यक्ष मा० धर्मप्रकाश भारतीय ने बताया कि लोकतंत्र की रक्षा अब दलितों व पिछड़ों के हाथों में है केन्द्र की सरकार बाबा साहब के बनाये संविधान के साथ छेड़छाड़ करने से बाज नहीं आ रही इसलिए सभी अम्बेडकर अनुयाईयों को एक साथ जुटकर इसे रोकना होगा। बुद्ध विहार पर भव्य रोशनी की गई। कार्यक्रम का संचालन समिति के मंत्री चौ० रामगोपाल ने किया और सभी का आभार प्रकट करते हुए अंत में प्रसाद वितरण किया गया।
समारोह में करतार सिंह भारतीय एड0, धर्मप्रकाश भारतीय, पूर्व एमएलसी बी.एल चन्द्रा, रामबाबू हरित, अजयशील गौतम, डॉ० नरायन सिंह, डॉ० आरके भारती, दिनेश भारत, राजू पंडित, आशीष प्रिंस, वीरेन्द्र कुमार, मीरा देवी, मुकेश वरुण, रत्न बाबू, बच्चू सिंह, आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।