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शहर में लाखों मुस्लमानों ने अदा की रमजान के पहले जुम्मे की नमाज

रोजा इंसान को बुराइयों से रोक कर अच्छाई की तरफ ले जाता है : शाही इमाम पंजाब
लुधियाना, :पवित्र रमजान महीने के आज पहले जुम्मे की नमाज शहर भर में लाखों मुस्लमानों ने विभिन्न मस्जिदों में अदा की। इस मौके पर फील्डगंज चौंक स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद में हजारों मुस्लमानों को संबोधित करते हुए पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी ने कहा कि रोजा इंसान को बुराइयों से रोक कर अच्छाई की तरफ ले जाता है। उन्होनें बताया कि हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहीवसल्लम का फरमान है कि रोजा इंसान के लिए बुराइयों से ढाल है जब तक वह इसे फाड़ ना डाले।
शाही इमाम मौलाना उसमान ने कहा कि रोजा रखने का मतलब सिर्फ भूखे प्यासे रहना नहीं है। रोजेदार पर लाकामी है कि वो अपनी आंखों, अपनी जुबान और कानों का भी रोजा रखे और किसी की तरफ गलत निगाह ना डाले और अपनी जुबान से लोगों को तकलीफ ना पहुंचाएं। शाही इमाम ने कहा कि रोजेदारों को चाहिए कि वह अपने पड़ोसियों, रिश्तेदारों में उन लोगों का भी ख्याल रखे जो कि गरीबी की वजह से रमजान में परेशान नजर आते है। उन्होनें कहा कि गरीब की मदद करना हम पर लाजिम है।
शाही इमाम ने कहा कि रोजा खास अल्लाह के लिए रखा जाता है और इसका बदला इंसान को अल्लाह ही देगा, जिसका अंदाजा भी इंसान नहीं लगा सकता। उन्होनें कहा कि अल्लाह ताआला को रोजेदार के मुंह की बू बहिशत (जन्नत) की खुशबू से ज्यादा पसंद है।
शाही इमाम ने कहा कि रोजेदार को चाहिए कि वह रमजान में नेकी करने की आदत डाले ताकि रमजान के बाद वह नेकी करता रहे। उन्होनें कहा कि अगर हमारा रोजा हमें झूठ बोलने, बुरी निगाह से ताकने, गंदी बातें करने, हराम कमाने, शराब पीने से नहीं रोकता तो इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि वह इंसान रोजेदार नहीं है। उन्होनें कहा कि रमजान के तीस दिन हमें तमाम बुराइयों को छोड़ कर खुदा के हुक्म के मुताबिक जीवन व्यतीत करना चाहिए। वर्णनयोग है कि आज पवित्र रमजान के पहले जुम्मे की नमाज के मौके पर लाखों मुस्लमान मस्जिदों में इक्ट्ठे हुए जहां पर नमाज के बाद विश्व शांति की दुआ भी करवाई गई।